निज पथ का अविचल पंथी को चरितार्थ किया है शान्ता जी ने अपने जीवन में

(पुस्तक समीक्षा: एस.एस.डोगरा) 12 सितंबर, 1934 को गांव गढ़जमूला, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में जन्में वरिष्ठतम राजनेता साहित्यकार शान्ता कुमार जी ने अपनी आत्मकथा ‘निज पथ का अविचल पंथी’ में पिता के ग्यारह वर्ष की अल्पायु में खोने उपरांत आर्थिक तंगी, बचपन का संघर्ष-युवावस्था-राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रचारक-पारिवारिक जिम्मेदारी-नौकरी-उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली … Continue reading निज पथ का अविचल पंथी को चरितार्थ किया है शान्ता जी ने अपने जीवन में