22 साल बाद रुपिन के परिवार को मिला इंसाफ

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file photo source: social media
  • जैश आतंकी जहूर कराची में मारा गया
  • कंधार हाईजैक कांड में रुपिन की जहूर ने कर दी थी हत्या

उन दिनों मैं अमर उजाला में नया-नया लगा था। 24 दिसम्बर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया। इसमें 176 यात्री सवार थे। विमान को आतंकी कंधार ले गये थे। आतंकवादियों ने तीन खूंखार आतंकवादियों मौलाना मसूद अहजर, अहमद उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा कराने की शर्त रखी। भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने एक युवा रुपिन कत्याल की निर्ममता से हत्या कर दी। बाद में पता चला कि मिस्री जहूर इब्राहिम ने रुपिन की हत्या की थी। भारत को तीनों आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था।
रुपिन गुड़गांव का निवासी था और हनीमून के लिए काठमांडू गया था। मैंने इस घटना को कवर किया। सेक्टर 17 में स्थित कत्याल के घर पर पसरा मातम देखा था। इकलौते बेटे की हत्या हो गयी थी। कत्याल परिवार की उस असहनीय पीड़ा को महसूस किया था और दिल आतंकियों के लिए नफरत से भर गया था। दुआ थी कि इन आतंकियों का हश्र बहुत बुरा हो। जहूर की एक मार्च को कराची में किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस खबर से निश्चित तौर पर रुपिन के परिजनों समेत समस्त देशवासियों को राहत मिली होगी। देर से सही इंसाफ मिला। पांच आतंकवादियों में से दो की हत्या हुई और एक स्वाभाविक मौत मरा। अब दो बाकी हैं, उनका भी बुरा ही होगा।
यहां मैं एक बात बताना चाहता हूं कि रुपिन के परिवार ने उसकी विधवा की शादी खुद करवाई और उसे बेटी की तरह अपने घर से विदा किया। यह एक बड़ी मिसाल थी।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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