अब तो बोलो आडवाणी जी, जहां कमल खिलता है, वहां लहू क्यों बहता है?
क्यों बनाई थी भाजपा? किसे न्याय दिलाने को दिया बुझा कमल खिलाया था? किस स्वराज को पाने के लिए गली-गली भटके थे? क्यों गलियों-गलियों में नारा लगाया था अटल आडवाणी कमल निशान मांग रहा है हिंदुस्तान? अटल जी अब रहे नहीं अब तो बोलो आडवाणी जी अन्नदाता की छाती पर नेता के काफिले का पहिया … Continue reading अब तो बोलो आडवाणी जी, जहां कमल खिलता है, वहां लहू क्यों बहता है?
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