प्रधानमंत्री पर जुर्माना

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प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भारत और दुनिया के कई प्रधानमंत्रियों को हमने जेल जाते हुए देखा है लेकिन कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हो, उस पर उसकी पुलिस जुर्माना ठोक दे, क्या आपने ऐसा किस्सा कभी सुना है? ब्रिटेन में अभी-अभी यही हुआ है। आजकल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनाक हैं। उन्हें लंदन की पुलिस ने जुर्माना देने के लिए मजबूर कर दिया है। उनका अपराध बस यही था कि अपनी कार में यात्रा करते हुए उन्होंने पट्टा (बेल्ट) नहीं बांध रखा था। पट्टा तो वे बांधे हुए थे, क्योंकि कार में बैठे लोगों को पट्टा बांधना अनिवार्य है लेकिन हुआ यह कि कोई टीवी चैनलवाला पत्रकार उनसे भेंटवार्ता करने कार में आ बैठा। उन्होंने अपना बेल्ट हटा दिया, क्योंकि टीवी के पर्दे पर वह अच्छा नहीं दिखता। पुलिस या किसी ने उन्हें नहीं देखा। फिर भी लोगों को कैसे पता चला कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है? उनकी भेंटवार्ता जब टीवी पर दिखाई गई तो सबने देखा कि प्रधानमंत्री बिना बेल्ट के ही कार से यात्रा कर रहे हैं? बस क्या था? विरोधी नेताओं ने बयानों के गोले दागने शुरु कर दिए। लंदन की पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर दी। ज़रा सोचिए कि ब्रिटेन की जगह कार में भारत, पाकिस्तान या नेपाल का कोई नेता बैठा होता तो उस देश के किसी पुलिसवाले की हिम्मत पड़ती कि वे उन पर वह जुर्माना ठोकता?
सुनाक के पहले प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन को भी दंडित किया गया था, क्योंकि उन्होंने कोविड नियमों का उल्लंघन करके अपने घर पर सामूहिक प्रीति-भोज का आयोजन किया था। कानून का पालन हर आदमी करे, चाहे वह राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री, इसे ही ‘कानून का राज’ कहते हैं। भारत भी दावा करता है कि उसके यहां ‘कानून का राज’ है लेकिन असलियत क्या है? हमारे यहां तो ‘कानून का राज’ नहीं, ‘राजा का कानून’ है। प्रधानमंत्री तो बहुत बड़ी चीज़ है, क्या कभी किसी सांसद या विधायक को भी हमारी पुलिस छू पाती है? हाॅं, यदि वह विरोधी दल का हो तो और बात है। विरोधी दलों के कई बड़े-बड़े नेताओं को हमने भारत में जेल जाते हुए देखा है लेकिन सत्तारुढ़ लोगों की गुलामी करते रहना अक्सर हमारे नौकरशाह, पुलिसवाले और पत्रकार लोग भी अपना पुनीत कर्तव्य समझते हैं। इन लोगों में कुछ अत्यंत साहसी और सम्मानीय अपवाद भी भारत में जरुर पाए जाते हैं। ऋषि सुनाक ने अपनी इस भूल पर जनता से माफी मांगी है लेकिन उनके विरेाधी इस ब्रिटिश प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर जहर उगल रहे हैं। वे कह रहे हैं कि जो बेल्ट नहीं बांधता है और जिसे जुर्माना भरने के लिए अपना डिजिटल कार्ड भी ठीक से इस्तेमाल करना नहीं आता तो वह सफल प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है? सुनाक की कन्जर्वेटिव पार्टी के एक अंग्रेज सांसद ने इन हास्यास्पद आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि ब्रिटेन में विरोधी दलों के पास कहने के लिए कुछ नहीं है तो वे इसे ही तिल का ताड़ बना रहे हैं।

An eminent journalist, ideologue, political thinker, social activist & orator

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

सीमांतः भाजपा का चुनावी डंका

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