सरकार रेशमकीट पालन से जुड़े किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धः बिक्रम सिंह

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शिमला, 7 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां उद्योग विभाग के रेशम अनुभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने रेशमकीट पालन क्षेत्र से जुड़े किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न मंडलों के अंतर्गत् रेशमकीट बुनाई बुनकरों को लाभान्वित करने के लिए रेशमकीट प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण केंद्र, रेशमकीट सामुदायिक केंद्र, कोकून विपणन केंद्र और सिल्क वॉर्म सीड उत्पादन केंद्र आदि स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जिले के बालीचौकी में 494 लाख रुपये की लागत से सेरी एंटरप्रिन्योरशिप डवेल्पमेंट एंड इनोवेशन सेंटर (एसईडीआईसी) भवन का निर्माण किया जा रहा है। इस भवन के निर्मित होने से प्रदेश के और अधिक रेशम बुनकरों को प्रशिक्षित करने की सुविधा प्राप्त होगी और रेशम से जुड़े उत्पाद निर्मित किए जाएंगे। मंडी जिले के थुनाग में 318 लाख रुपये की लागत से रेशम बीज उत्पादन केंद्र के भवन का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के स्टेट कैटेलेटिक डवेल्पमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत् वर्ष 2020-21 में लगभग 271 लाख रुपये व्यय कर 12 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 79 रेशमकीट पालन केंद्र हैं। प्रदेश के 1287.51 बीघा में शहतूत की खेती की जाती है। प्रदेश में वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 2 लाख 23 हजार शहतूत के पौधे वितरित किए गए हैं और 238 मीट्रिक टन कोकून का उत्पादन किया गया।
बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश में रेशम कीट पालन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं का आयोजित की जाएंगी, जिससे रेशमकीट पालन किसानों को केंद्र और राज्य सरकार के रेशम उद्योग विकास के लिए आरंभ की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी।
बैठक में निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति, उप निदेशक रेशम अनुभाग बलदेव चौहान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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