बाबा बालक नाथ चालीसा

गुरु चरणों में सीस धर करुं प्रथम प्रणामबखशो मुझ को बाहुबल सेव करुं निष्‍कामरोम रोम में रम रहा, रुप तुम्‍हारा नाथदूर करो अवगुण मेरे, पकड़ो मेरा हाथ बालक नाथ ज्ञान (गिआन) भंडारा,दिवस रात जपु नाम तुम्‍हारा, तुम हो जपी तपी अविनाशी,तुम हो मथुरा काशी, तुमरा नाम जपे नर नारी,तुम हो सब भक्‍तन हितकारी, तुम हो … Continue reading बाबा बालक नाथ चालीसा