नवरात्रिः क्यों पूजा की जाती है माता ब्रह्मचारिणी की

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या देवी सर्वभूतेषु …..
आज दिनांक 8 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार नवरात्रि की द्वितीया है आज माता के 9 रूपों के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है।

माता ब्रह्मचारिणी की पूजा क्यों की जाती है…
मान्यता है कि माता ब्रह्मचारिणी ने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए वर्षों घोर तपस्या की जिससे माता को तप का आचरण करने वाली तप का चरण यानि आचरण के कारण माता को ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है।
माता के इस स्वरूप का ध्यान और पूजा करने से साधक के अन्दर आत्मविश्वास में वृद्धि होती है जिससे जीवनकाल में आने वाले संकट से वह घबराता नहीं है और उस पर विजयी होता है।

नवरात्रि के दूसरे दिन क्या करे-
प्रातः उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ धारण कर मॉं ब्रम्हचारिणी देवी की पूजा अक्षत, फूल, रोली, चंदन से करें और माता को दूध, दही, मधु, शक्कर से स्नान करायें, बताये मंत्र का जप करें।
या प्रथम दिवस में दिये मंत्र का जप करें। मंत्र जप के लिए मंत्र सिद्ध हकीक माला का प्रयोग करें।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र:
ओम ब्रां ब्रीं ब्रूं ब्रह्मचारिण्यै नमः

फिर माता जी की आरती सुबह और शाम करें।

साधना मे सावधानी:
1. आज साधक को संकल्प की आवश्यकता नही है. संकल्प प्रारंभ में प्रथम दिवस ही लिया जाता है।
2. सर्व प्रथम गणेश पूजन के पश्चात गुरू पूजन करना चाहिए फिर जिस देवी का दिन हो उनकी पूजा करनी चाहिए।
3. मन में बुरे विचारों का चिन्तन व मनन नहीं करना चाहिए।
4. गलत लोगों की संगति से बचना चाहिए।
5. छल कपट अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
6. ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
7. यदि कही बिमार या जरूरी संकट यात्रा की आवश्यकता पड जाती है तो माता से क्षमा याचना कर उपवास तोड सकते है इससे क्षम्य होता है।
8. स्त्रियां रजस्वला पीरेड में साधना रोक सकती है।
9. पहले तो जानबूझ कर गलती नहीं करना चाहिए। यदि साधना में किसी भी प्रकार की गलती हो जाय तो माता क्रोधित हो सकती है। गलती हो जाने पर माता से क्षमा याचना कर लेना चाहिए।
10. सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए, तामसिक भोजन से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

– स्वामी श्रेयानन्द (सनातन साधक परिवार) मो. 9752626564

या देवी सर्वभूतेषु…

 

 

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