वेतन वृद्धि मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उप्र के अधिकारी अहंकारी, अभी तक मिल जानी चाहिए थी कड़ी सजा

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नई दिल्ली, 13 नवंबर। सर्वोच्च न्यायालय ने कर्मचारी को नियमित करने और वेतन वृद्धि के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को पूरी तरह से लागू नहीं किए जाने और देरी करने पर उत्तर प्रदेश के दो बड़े अधिकारियों पर कड़ी टिप्पणी की और उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ कर दिया। सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी बहुत ज्यादा अहंकारी है और आप इसी के काबिल है। इसी के साथ याचिका खारिज कर दी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जमानती वारंट को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोेर्ट में याचिका दायर की थी।
एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक वसूली अमीन की नौकरी नियमित करने और वेतन वृद्धि के भुगतान का मामला चल रहा है। इसकी सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के वित्त सचिव और अडिशनल मुख्य सचिव (राजस्व) के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की और कहा कि ये दोनों अधिकारी अदालत को खेल का मैदान बना रहे हैं और अमीन को वेतन वृदिघ देने से मना कर दिया था।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अधिकारियों ने अदालत को गुमराह किया। इस मामले में एडिशनल एडवोकेट जनरल ने अदालत में अंडरटेकिंग दी थी, लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों ने बढ़ा हुआ वेतन नहीं दिया और अंडरटेकिंग की अवहेलना की। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने अधिकारियों की ओर से अर्जी दाखिल कर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन सर्वोच्च अदालत से राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि आप इसी के काबिल हैं। उच्च न्यायालय को तो अभी तक गिरफ्तारी का आदेश दे देना चाहिए था और कड़ी सजा देनी चाहिए थी। उच्च न्यायालय ने फिर भी उदारता दिखाई है। आप अपने कंडक्ट को देखिए, एक कर्मचारी की वेतन वृद्धि को देने से आपने मना किया और उसे रोक रहे हैं। आपके जेहन में अदालत के प्रति कोई आदर का भाव नहीं दिखता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ये अधिकारी अहंकारी दिखते हैं। उत्त्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि वसूली अमीन को नियमित कर दिया गया है और वेतन वृद्धि का भुगतान होना है और साथी ही सर्वोच्च न्यायालय से मामले में नरमी बरतने का अनुरोध किया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ये फिट केस है, जिसमें जमानती वारंट जारी किया गया है।

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