आपदा में अवसरः कोरोनाकाल की कैद में सौरभ दंपति ने रची तीन कृतियाँ

(डॉ सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है, एक दोहाकार के रूप में जहां उनकी दोहा सतसई ‘तितली है का खामोश’ के अलावा हजारों दोहे प्रकाशित हो चुके हैं, वह दैनिक स्तंभकार के रूप में राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक विषयों संपादकीय पृष्ठों पर पर प्रमुखता से प्रकाशित हो रहे हैं।) … Continue reading आपदा में अवसरः कोरोनाकाल की कैद में सौरभ दंपति ने रची तीन कृतियाँ