प्रबंध निदेशक पर जुर्मानाः एचएसईबी वर्कर यूनियन ने जताई नाराजगी

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बल्लभगढ़, 20 जुलाई। हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने आज सेंट्रल स्टोर सेक्टर-25 पर कर्मचारियों की ग्रीवेंसेज जानने के लिए बैठक का आयोजन किया। प्रदेश महासचिव सुनील खटाना ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित सरकारी सेवाओं की निर्धारित समय सीमा में डिलीवरी ना कर पाने पर आयोग की सचिव मीनाक्षी राज ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक पर जुर्माना लगा है, जो कि सरासर गलत है। एचएसईबी वर्कर यूनियन ने इस पर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
सुनील खटाना ने सरकार द्वारा राइट टू सर्विस एक्ट को लागू करने से पहले विभाग में पड़े खाली पदों पर स्थायी भर्ती करने और कर्मचारियों को विभागीय सेवाओं के लिए समुचित औजार व सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध कराने एवं वर्क टू रूल के हिसाब से कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश कें कर्मचारी और अधिकारी बद से बदतर हालातों में कार्य करने को मजबूर हैं। काम के कोई घंटे निश्चित नहीं है। अगर किसी कर्मचारी को छुट्टी लेनी पड़े तो भी 10 बार सोचना पड़ता है। एक-एक कर्मचारी इस कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर पूरे प्रदेश को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में लगा हुआ है। उनके प्रयासों के फलस्वरूप सीमित साधन संसाधनों के रहते और विभागीय कर्मचारियों की भारी कमी के बावजूद देश में राष्ट्रीय स्तर पर दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम ए प्लस के साथ पूरे देश में दूसरे स्थान पर रहा है। यह अपने आप में गर्व की बात है। इसके बावजूद आयोग की सचिव मीनाक्षी राज का यह बयान कि कर्मचारी और अधिकारियों पर राइट टू सर्विस एक्ट के तहत जुर्माना लगाना अपने’आप में कर्मचारी व अधिकारियों के मनोबल को तोड़ने वाला है। आज हरियाणा प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे नंबर पर आना अपने आप में गौरवशाली है। ऐसे में प्रदेश सरकार को बिजली निगम के कर्मचारी और अधिकारियों को स्पेशल इंक्रीमेंट देकर उनका मान-सम्मान बढ़ाना चाहिए था, ना की इस तरह से जुर्माना लगाकर मनोबल को तोड़ने का काम करना चाहिए था। अगर सरकार आने वाले समय मे निगम में रिक्त पड़े खाली पदों को भरने की बजाय राइट टू सर्विस एक्ट को लागू करती है। तो प्रदेश का कर्मचारी भी वर्क टू रूल से अपना कार्य करेंगे। इससे अगर विभाग में किसी भी तरह की अव्यवस्था फैलती है। तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। जिसका एचएसईबी वर्कर्स यूनियन और इसके कर्मचारीगण और अधिकारीगण खुलकर विरोध करेंगे। बैठक में संतराम लांबा, लेखराज चौधरी, कर्मवीर यादव, सुनील कुमार, आनन्द चंदीला, पुष्कर सिंह, सोनू गोला, विपिन सिंह और पवन कुमार भी मौजूद थे।

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