ये योजना लाखों महिलाओं को बना रही संबल

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शिमला, 29 मई। परिवार के पालन-पोषण में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन करने वाली प्रदेश की कर्मठ महिलाएं अब यहां की आर्थिकी में योगदान देने के लिए आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। उनके इन हौंसलों को उड़ान देने में मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के अंतर्गत् स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को अतिरिक्त आर्थिक मदद प्रदान कर उनका आर्थिक एवं सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लाखों महिलाओं को आजीविका एवं स्वरोजगार संबंधी गतिविधियाँ शुरू करने व उद्यमिता बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा वर्ष 2022-23 के वार्षिक बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत् बने महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के अंतर्गत् स्वयं सहायता समूहों को आजीविका संबंधी गतिविधियाँ शुरू करने व उद्यमिता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त परिक्रमा राशि (रिवॉल्विंग फंड) प्रदान की जाएगी, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से समर्थ बनाया जा सके।
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लाखों महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उनका पंजीकरण प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में किया जाएगा। विशेष बात यह कि इन बीमा योजनाओं के वार्षिक प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार वहन करेगी। हि.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के मानदेय में बढोतरी कर उन्हें योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
10 हजार स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 25 हजार रुपए अतिरिक्त रिवॉल्विंग फंड
ग्राम संगठनों से जुड़े लगभग 10 हजार स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25,000 रुपये प्रति समूह अतिरिक्त परिक्रमा राशि (रिवॉल्विंग फंड) प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ग्रामीण विकास विभाग के तहत बने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत शामिल किया जा रहा है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत् प्रशिक्षित एवं कार्यरत सामुदायिक संसाधन व्यक्तियोंय कृषि सखी, पशु सखी, कृषि उद्योग सखी, वित्त सखी, बैंक सखी आदि का मानदेय 350 रुपये प्रतिदिन से बढ़ा कर 500 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत श्रेणी-1 जिलों क्रमशः शिमला, मंडी, कांगड़ा और ऊना की तरह श्रेणी-2 जिलों (अन्य 8 जिलों) में भी अतिरिक्त ब्याज उपदान प्रदान किया जाएगा, ताकि इन जिलों में भी स्वयं सहायता समूहों को 4 प्रतिशत की दर से बैंकों से ऋण उपलव्ध करवाया जा सके। भारत सरकार द्वारा श्रेणी-2 जिलों में ब्याज उपदान देने के बाद जो भी अतिरिक्त ब्याज उपदान देय होगा, उसे प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

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