एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने में जनभागीदारी महत्वपूर्ण

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शिमला, 29 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग खत्म करने के दृष्टिगत गठित विशेष टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विभिन्न विभागों और जिला उपायुक्तों को एक जुलाई से एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर लगाए गए प्रतिबंध का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, गुब्बारे में लगी प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, कैंडी स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पोलिस्ट्रीन (थर्माकोल), कटलरी प्लेट, कप, चाकू, ट्रे, गिलास, फोर्क, स्ट्रॉ इत्यादि एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण, यातायात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग एक जुलाई से प्रतिबंधित है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत् शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभाग को अपने संबंधित क्षेत्रों में कूड़े-कचरे के लिए डम्पिंग साइट तथा सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने हिमकोस्ट को प्रदेश के विभिन्न जिलों में सैटेलाइट के माध्यम से डम्पिंग साइट तथा जल स्रोतों के निकट कचरे से संबंधित स्थानों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट का समुचित प्रबंधन किया जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
बैठक में निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीक ललित जैन, निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा, निदेशक ग्रामीण विकास ऋग्वेद ठाकुर, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग हरबंस सिंह ब्रसकोन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन, वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न जिलों के उपायुक्त वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

जल संरक्षण के लिए जन सहभागिता आवश्यकः ठाकुर

 

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