हिमाचल में तेज बारिश से भारी तबाही, 18 की मौत, 4 दफन, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान

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कांगड़ा/मंडी/चंबा/शिमला, 20 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने जाते-जाते भारी तबाही मचाई है। शुक्रवार से हो रही तेज बारिश ने शनिवार आते-आते भारी जान और माल का नुकसान किया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश और इसके कारण आई बाढ़ व भूस्‍खलन के चलते शनिवार सुबह तक कई जिंदगियां लील लीं और करोड़ों की संपत्‍ति को नुकसान पहुंचाया है।
इसके चलते जहां प्रदेश की दूसरी नैरोगेज एवं एतिहासिक कांगड़ा घाटी रेलवे लाइन को पठानकोट से जोड़ने वाला चक्‍की खड्ड पुल तेज बहाव में भरभरा के गिर गया। इससे यह रेललाइन ठप हो गई है। वहीं मंडी, चंबा और कांगड़ा जिलो में 18 लोगों की मौत होने और 4 के मलबे में दबे होने या लापता होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि इनमें से किसी के बचने की उम्‍मीद कम है। मरने वालों में 13 मंडी जिले के, 3 चंबा के और दो कांगड़ा जिले के हैं।
उधर, मौसम विभाग के आंकड़े बताते है कि के अकेले कांगड़ा में ही एक दिन में सर्वाधिक 346 मिलीमीटर वर्षा रिाकर्ड की गई है। वहीं धर्मशाला में 333 और जोगिंदरनगर में 210 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो इस सीजन का सबसे ज्‍यादा रिकार्ड है।
मंडी जिले में 13 लाशें मिलीं, 4 लापता
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे तक प्राप्त सूचना के मुताबिक जिले में भूस्खलन और बाढ़ के कारण अलग अलग हादसों में 13 लोग हताहत हुए हैं, जिनकी लाशें बरामद कर ली गई हैं। इसके अलावा 5 लोग लापता हैं। लापता लोगों को ढूंढने के प्रयास जारी हैं, इनमें एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के जवानों की मदद ली जा रही है । अरिंदम चौधरी ने बताया कि हताहत लोगों में उपमंडल गोहर के काशन गांव में भूस्खलन की चपेट में आए एक घर में मलबे में दबने से मारे गए एक ही परिवार के 8 सदस्य हैं। एनडीआरएफ की मदद से सभी की लाशें बाहर निकाल ली गई हैं। सराज के कियोली में मकान गिरने से एक महिला की मृत्यु हुई है। इसके अलावा औट के समीप चट्टान गिरने के कारण हुई दुर्घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं बाढ़ व भूस्खलन के कारण सदोह गांव से 6 लोग लापता हैं, जिनमें से 2 व्यक्तियों की लाशें बरामद हो गई हैं, जबकि 4 लोग अभी भी लापता हैं। इसके अतिरिक्त सदर उपमंडल के बागी से एक महिला लापता है। सभी लापता लोगों का पता लगाने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं।
सावधानी बरतने की अपील
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने सभी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही भूस्खलन प्रभावित व संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के पास न जाने की हिदायत दी है।उन्होंने आग्रह किया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र मंडी के दूरभाष नंबर 01905-226201,202,203,204 अथवा टोल फ्री 1077 नंबर पर सूचित करें।
चुवाड़ी के बनेट गांव में मकान ढहा, 3 की मौत
चुवाड़ी (चंबा)। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा की चुवाड़ी तहसील के बनेट गांव में भारी बारिश के चतले स्लेट पोश मकान ढह गया। इसमें सो रहे एक दंपति और उनके नौ वर्षीय बेटे की मौत हो गई है। विभिन्‍न माध्‍यमों से प्राप्‍त सूचना के अनुसार बनेट गांव में तड़के करीब साढ़े चार बजे भूस्खलन हुआ। इसके बाद एक घर ढह गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई।
सुजानपुर के खीरी गांव के एक दर्जन घर खतरे में
सुजानपुर (हमीरपुर)। हमीरपुर जिले के सुजानपुर में ब्यास नदी में आई बाढ़ से खीरी गांव के एक दर्जन घर खतरे की जद में आ गए हैं। लगभग 22 गांववासी सेलाब में फंस गए हैं। इनमें 18 लोगों को रेस्कयू कर लिया गया है।
शिमला के ठियोग में चार वाहन क्षतिग्रस्‍त
ठियोग (शिमला)। शिमला जिले के ठियोग कस्बे में भूस्खलन से चार वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। सुन्नी इलाके के मझिवार और मंजु गांवों को जोड़ने वाला पुल धराशायी हुआ। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की रिपोर्ट नहीं है। शिमला शहर के आरटीओ के पास मुख्य सड़क के धंसने से यातायात को एकतरफा किया गया है।
कांगड़ा रेलवे का चक्‍की खड्ड पर बना पुल बहा
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी रेलवे लाइन तेज बारिश और अवैध खनन की भेंट चढ़ गई है। शनिवार को तेज बारिश के चलते चक्‍की खड्ड में आए पानी के तेज बहाव के चलते पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलवे ट्रैक का चक्की खड्ड पर बना पुल बह गया है। चक्की खड्ड पर बना यह पुल अंग्रेजों के जमाने का था, मगर लगातार अवैध खनन के चलते इसके पिल्‍लर कमजोर कर दिए गए थे। पिछले दिनों अखबारों में भी इस बारे में खबरें छपी थीं, मगर ना तो रेलवे प्रशासन और ना ही पंजाब व हिमाचल की ओर से अधिकारी व पुलिस अवैध खनन पर रोक लगा पाए। इसके चलते अब यह पुल बह गया है और कांगड़ा घाटी का एक मात्र नैरोगेज रेलवे नेटवर्क ठप हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार पंजाब की तरफ का हिस्‍सा पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है। इस पुल पर कई बार तेज बहाव के चलते पानी ओवरफ्लो होता रहा है।
चंबा में भारी भूसखलन से पठानकोट-मंडी एनएच बंद
चंबी/शाहपुर(कांगड़ा)। कांगड़ा जिले के उपमंडल शाहपुर के चंबा में भी तेज बारिश के कारण हुए भूस्‍खलन से काफी नुकसान हुआ है। यहां हाईवे पर मलबा हाने से जहां यातायात ठप हो गया, तो वहीं दुकानों को भारी नुकसान हुआ है। पठानकोट-मंडी एनएच पर शाहपुर के चंबी चौक पर भारी भूस्खलन के चलते शनिवार सुबह से एनएच बंद हो गया। राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। भूस्खलन से चम्बी-घरोह-धर्मशाला मार्ग पर भी आवाजाही थम गई। चम्बी चौक पर कई दुकानों में मलबा भर गया है। सड़क किनारे करीब आधा दर्जन खोखनुमा दुकानें पूरी तरह जमींदोज हो गई हैं। मलबे में एक वाहन भी दब गया है। वहीं चंबी पुल भी मलबे से भर गया। चौक के पास सड़क का नामोनिशान तक नहीं दिख रहा। साथ लगती पहाड़ी से मलबा गिर रहा है। सूचना मिलते ही सुबह लोक निर्माण विभाग की जेसीबी पहुंच थीं और मार्ग बहाली में जुट गई।
शाहपुर में बच्‍चे की, धीरा में व्‍यक्ति की मौत
कांगड़ा जिले के शाहपुर उपमंडल के गोरड़ा में तेज बारिश के चलते एक घर गिर गया और इसमें एक बच्‍चा दब गया। मिली जानकारी के अनुसार निजी स्कूल में बस ड्राइवर नसीब सिंह का 12 वर्षीय बेटा आयुष घर के मलबे में दब गया। गांववालों ने कड़ी मशक्कत से 12 वर्षीय आयुष को बाहर निकाला और शाहपुर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। वहीं जिले के धीरा क्षेत्र में भी बारिश के चलते एक व्‍यक्‍ति की जान गई है। यहां डंगा गिरने से यह व्‍यक्‍ित इसकी चपेट में आकर मारा गया।
डलहौजी में भी आई आफत, 40 जानें बचीं
डलहौजी (चंबा)। चंबा जिले में स्थित पर्यटन स्‍थल डलाहौजी में भी बारिश से आफत आई है। यहां के चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंजपुला के समीप शनिवार सुबह एक बड़ा वाहन हादसा होने से टल गया। पंजपुला में एनएच का एक बड़ा हिस्सा मूसलाधार बरसात के बीच शनिवार तड़के भूस्खलन की जद में आकर धंस गया। सड़क चूंकि तड़के ही क्षतिग्रस्त हुई थी ऐसे में वाहन चालकों को इस बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई थी। इस दौरान शनिवार सुबह डलहौजी से पठानकोट जा रही पंजाब रोडवेज की बस सुबह करीब पौने आठ बजे जब पंजपुला के समीप पहुंची तो वहां काफी ज्यादा ज्यादा धुंध होने के कारण बस चालक को सड़क के धंसे होने का पता नहीं चल पाया और बस क्षतिग्रत सड़क के किनारे होकर गुजरती हुई अनियंत्रित होकर खाई की ओर लुढ़कने लगी।
बस के अगले पहिए खाई की ओर हवा में झूल गए। बस में सवार करीब 35 से 40 यात्रियों में चीखो पुकार मच गई। बस चालक ने किसी तरह से बस को नियंत्रित किया और चालक व परिचालक ने सवारियों को फौरन बस के पिछले दरवाजे से उतर जाने को कहा। छोटे बच्चों के साथ महिला यात्री व अन्य यात्री चीखते चिल्लाते हुए बस से उतर कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने भी यात्रियों को सुरक्षित बस से निकालने में सहयोग दिया। वहीं डलहौजी शहर में भी पानी के तेज बहाव व भूस्‍खलन हुआ है। इससे मलबा और पानी घरों व वाहनों को नुकसान पहुंचाता हुआ निकला।
मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण जान-माल के भारी नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 5 लोगों की मौत और लगभग 15 लोगों के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और राज्य की बचाव टीमों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए घटनास्थलों पर भेज दिया गया है। सभी घटनास्थलों पर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं।
भूस्खलन और बाढ़ से हुई मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है। जय राम ठाकुर ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों से भी विशेष ऐहतियात बरतने और भूस्खलन एवं बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।
जयसिंहपुर कॉलेज समेत बड़ा इलाका जलमग्‍न
जयसिंहपुर (कांगड़ा)। कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर में ब्‍यास नदी व साथ लगती खड्ड के उफान के चलते बड़ा इलाका जलमग्‍न हो गया है और कई घर व सरकारी संपत्‍ति खतरे की जद में है। ब्‍यास नदी का जलस्‍तर इतना बढ़ गया है कि जयसिंहपुर कॉलेज पूरी तरह जलमग्‍न है। साथ लगता पुल भी पानी में डूब गया है। यहां जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट आना बाकी है।
यहां भी हुआ भारी नुकसान
राज्य आपदा संचालन केंद्र शिमला की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार सुबह प्रदेश में 336 सड़कें बंद हो गई हैं। 1525 बिजली ट्रांसफार्मर और 132 पेयजल योजनाएं बंद हैं। मंडी जिले में 122, चंबा जिले में 97, कुल्लू 50, शिमला 38 और सोलन जिले में 23 सड़कें ठप हैं। वहीं मंडी-पठानकोट, मंडी-कुल्लू और मंडी-जालंधर वाया धर्मपुर एनएच बंद हैं। राजधानी शिमला में भी तेज बारिश से काफी नुकसान की सूचना है। यहां के आरटीओ ऑफिस के पास भूस्खलन होने से सड़क का अधिकतर हिस्सा धंस गया है। मंडी के कोटरोपी के पास पहाड़ी दरकने से मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग का कुछ हिस्सा भी धंस गया। सीएम जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र थुनाग बाजार के साथ लगते नाले में बाढ़ के चलते दर्जनों दुकानें और वाहन को क्षतिग्रस्त हुए हैं।
शिमला के ठिगोग में पेट्रोल पंप पर चट्टान गिर गई। फागू सड़क पर भी एक वाहन चट्टान गिरने से क्षतिग्रस्‍त हुआ है। बैजनाथ-सरकाघाट सड़क डीहार पंचायत के डोल गदयाडा के पास बह गई है। कंडाघाट के समीप मलबा आने से ट्रैफिक वन है। हमीरपुर के सुजानपुर के खैरी गांव में ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। करीब आधा दर्जन घरों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम बुलाई है।
कांगड़ा में भूस्खलन से बगली स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गया है। लंबागांव के रिट में भी लाहट-कोटलू सड़क पर पूली बह गई है। वहीं, पंचरूखी भरवाना पंचायत में भारी बारिश के चलते एक मकान गिर गया। पालमपुर उपमंडल के खैरा व वाहे दा पट्ट में काफी नुकसान हुआ है। दो गाडि़यां पानी में बह गईं। कई घरों व दर्जनों व्यवसायिक परिसरों में बारिश का पानी घुस गया। अप्पर खैरा स्कूल ग्राउंड को नुकसान हुआ है। चीड़ के पेड़ गिरने से पालमपुर-सुजानपुर मार्ग बाधित हो गया था।

मंडी जिले में जानमाल का भारी नुकसान, 13 लाशें मिली, 4 लापता, 17 मवेशी भी बहे

 

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