कांगड़ा बनेगा हिमाचल की पर्यटन राजधानी

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file photo source: social media

शिमला, 8 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस दिशा में सरकार ने कांगड़ा जिले में विभिन्न परियोजनाओं का ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिसका उद्देश्य पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना है ताकि पर्यटकों का अनुभव देवभूमि के प्रति और बेहतर हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां सुंदर धौलाधार पर्वत, ऐतिहासिक मंदिर और साहसिक गतिविधियों की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। राज्य सरकार कांगड़ा जिले में पारंपरिक पर्यटक स्थलों में आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए एशियन डिवेल्पमेंट बैंक द्वारा स्वीकृत 390 करोड़ रुपये व्यय करेगी। इससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने से स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके साथ राज्य की आर्थिकी भी सशक्त होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले के धरोहर गांव परागपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स बनाने का निर्णय लिया है। पालमपुर क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए भी कई योजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिसमें एक उन्नत किस्म का रिजॉर्ट, 24 घंटे के लिए पर्यटन गांव, एक आधुनिक रोलर स्केटिंग रिंक और एक वेलनेस सेंटर का निर्माण करना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देहरा विधानसभा क्षेत्र के बनखंडी में 180 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की है, जिसमें एक आधुनिक चिडि़याघर बनाया जाएगा। इसके लिए 300 करोड़ की अनुमानित लागत पर आधारित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने में धर्मशाला में पर्यटकों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का फाउंटेन, कन्वेंशन सेंटर, फूड कोर्ट और पार्किंग की सुविधा के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने पौंग बांध में हाउस बोट, क्रूज, याच और जलक्रीड़ा गतिविधियों को शुरू करने का निर्णय भी लिया है। नूरपुर और नगरोटा बगवां क्षेत्र में सड़क किनारे आधारभूत सुविधाओं को बढ़ावा देकर साहसिक पर्यटन के व्यवसाय को मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नई मंजिल नई राहें योजना’ के तहत कांगड़ा जिले में 20.59 करोड़ रुपये, ऐतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 46 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। लाखों लोगों की आस्था के प्रतीक आदि हिमानी मंदिर से चामुंडा मंदिर तक रोपवे के निर्माण के लिए भी राज्य सरकार प्रयास कर रही है। जिले में फूड क्राफ्ट संस्थान धर्मशाला को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के रूप में उन्नत करने के लिए 11.75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दो चरणों में कांगड़ा हवाई अड्डे के रन-वे की लंबाई 1376 से बढ़ाकर 3010 मीटर करने की योजना बना रही है। साथ ही रक्कड़ में हेलीपोर्ट बनाने का भी प्रस्ताव है, जिसके लिए एफसीए केस अपलोड किया जा चुका है।

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