शिमला, 29 अप्रैल। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता संगठन द्वारा जल शक्ति विभाग व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों, ब्लॉक रिसोर्स कॉर्डिनेटर के साथ जल शक्ति भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मिशन डायरेक्टर जल जीवन मिशन व प्रमुख अभियंता इंजीनियर संजीव कौल ने की।
मुख्य अभियंता व राज्य स्वच्छता एवं पेयजल संगठन के निदेशक ई. जोगिंद्र चौहान ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन में तीन पक्ष होंगे, जिसमें पहला पक्ष प्रधान ग्राम पंचायत, दूसरा पक्ष सचिव ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति और तीसरा पक्ष प्रदेश जल शक्ति विभाग होगा। इस समझौता ज्ञापन में तीनों पक्षों की भूमिकाओं और जि़म्मेदारियों को परिभाषित किया जाएगा, ताकि वे एक साथ साझेदार के रूप में काम कर सकें।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग जल जीवन मिशन हर घर जल, पानी समितियों के गठन, ग्राम कार्य योजना, जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने, जल गुणवत्ता परीक्षण आदि मिशन के सभी घटकों में देश में अग्रणी स्थान पर है। राज्य में जल शक्ति विभाग मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार ग्रामीण समुदायों को बेहतर पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने और जलापूर्ति एवं स्वच्छता सेवा वितरण के विकेंद्रीकरण को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस मिशन का कार्यान्वयन समुदाय के हाथों में है, इसको लागू करने के लिए गांव के सभी सदस्यों का समन्वय एवं सहयोग अत्यन्त आवश्यक है। जल पाइप लाइन, जल संचयन, प्रचालन और रखरखाव के मार्ग पर निर्णय स्वयं लोगों द्वारा लिया जाता है। इसमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में मुख्य अभियंता मंडी ई. धर्मेंद्र गिल, मुख्य अभियंता डिज़ाइन ई. पी. के. शर्मा, मुख्य अभियंता साउथ ज़ोन ई. अंजू शर्मा व विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल थे।