राजभवन में ‘एट होम’ का आयोजन

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शिमला, 15 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज राजभवन में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘एट होम’ की मेजबानी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद उपस्थित थे।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विभिन्न आयोग, बोर्ड तथा निगम के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस और सैन्य अधिकारी, शहर के प्रमुख नागरिक, पूर्व सैनिक और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
‘एट होम’ में पहली बार ढली स्थित विशेष रूप से सक्षम बच्चों के स्कूल के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के 75 वर्षों की गौरवमयी विकास यात्रा को दर्शाता एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया, जिसे सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
इससे पहले, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने राजभवन के कर्मचारियों और स्कूली बच्चों को मिठाइयां बांटी और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इनमें ऑर्चिड प्रेप स्कूल न्यू शिमला के अंतर्गत् संचालित किए जा रहे ‘आरुषि स्कूल ऑफ होप’ के विशेष बच्चों की प्रस्तुतियां मुख्य आकर्षण रहीं। राजभवन में पहली बार विशेष रूप से आमंत्रित इन बच्चों ने ‘इंसाफ की डगर’ और ‘हर घर तिरंगा’ विषयों पर आधारित मनमोहक प्रस्तुतियों, फैंसी ड्रेस और नृत्य से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला के बच्चों के समूह गान और इसी पाठशाला की छात्रा भामिनी बंसल के नृत्य ने भी खूब तालियां बटोरीं। कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं जन संपर्क विभाग के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन’ ने राजभवन के दरबार हॉल में उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया। राज्यपाल भी अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाए और उनकी आंखें भी नम हो गईं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश के लोगों और समस्त देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों का स्मरण किया और शहीदों तथा बहादुर सैनिकों को नमन किया।
उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में हमें किसी न किसी रूप में राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा और स्वदेशी को अपनाकर देश के विकास को गति प्रदान करनी होगी। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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