वन विभाग की आवासीय कालोनियों के लिए 8 करोड़ का प्रावधान

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शिमला, 30 जुलाई। हिमाचल प्रदेश वन विभाग की आवासीय कालोनियों को ठीक करने के लिए वन विभाग ने इस वर्ष आठ करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। यह जानकारी वन विभाग के एपीसीसीएफ (वित्त) आर, के गुप्ता ने हिमाचल प्रदेश वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन द्वारा शिमला में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए दी।
गुप्ता एसोसिएशन द्वारा आहूत एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। गुप्ता ने बताया कि वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन शिमला द्वारा उनके ध्यान में लाए जाने के बाद उन्होंने इस वर्ष छोटे कर्मचारियों के मकानों की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर विशेष ध्यान देने के लिए अपने अधीनस्थ कार्यालयों को आदेश जारी किए हैं। इन मकानों में बेसमेंट से लेकर टाईप-3 के मकानों की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर यह खर्च किया जाएगा। आर. के गुप्ता ने बताया कि वन विभाग की आवासीय कालोनियों को लेकर मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन शिमला ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं और उनके ध्यान में लाया है कि बेसमेंट, टाईप-1 टाईप-2 और टाईप-3 के मकानों में मरम्मत की अधिक आवश्यकता ह।
एपीसीसीएफ गुप्ता ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए बताया कि वो छोटे कर्मचारियों के सरकारी मकानों की हालत सुधारने में विशेष ध्यान देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि छोटे मकानों के लिए आबंटित किया गया पैसा दूसरी जगह इस्तेमाल न किया जाए। मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश बादल ने जब उनके ध्यान में लाया कि टाईप-1 से टाईप-3 के मकानों की मरम्मत की तरफ विशेष ध्यान दिलाया और बादल द्वारा शिमला स्थित कालोनियों की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपी गई तो गुप्ता ने जानकारी दी कि एसोसिएशन के सुझावों और शिमला की कालोनियों की दुर्दशा के मद्देनजर वन विभाग की शिमला स्थित वन विभाग कालोनियों के लिए इस वित्त वर्ष में आवासों और कार्यालयों की मरम्मत के लिए कुल आठ करोड़ के बजट में से डेढ़ करोड़ रुपये का प्रावधान विशेष कर शिमला के लिए किया गया हैं। एपीसीसीएफ ने शिमला की वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन की सराहना करते हुए बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि एसोसिएशन ने हाल ही में अपना चुनाव जीतने के बात जिस तेजी से कर्मचारियों के हित के मुद्दों को उनके ध्यान में लाया है, वह न केवल काबिले तारीफ है बल्कि इससे इन्हें सुलझाने में विभाग को भी आसानी हो रही है। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि पूरे प्रदेश में वन विभाग की कालोनियां सबसे बेहतर हैं, लेकिन उनमें समस्याएं भी हैं वो इस बात को भी मानते हैं परंतु इस समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करेंगे और भविष्य में बेहतर तरीके से इसका निराकरण करने के लिए प्रभावी योजना बनाएंगे।
एपीसीएफ ने मिस्ट चैंबर स्थित वन विभाग के पिछले कई वर्षों से बंद पड़े कम्प्लेंट रूप को तुरंत प्रभाव से बहाल करने के आदेश भी दिए और शिमला स्थित आवासीय कालोनी में कम्प्लेंट रजिस्टर रखने का आदेश भी दिया। गुप्ता ने यह भी बताया कि कम्प्लेंट रजिस्टर को वो स्वयं मोनिटर करेंगे ताकि कोई शिकायत अधिक देर तक विलम्बित न रहे। वन विभाग कालोनियों में पानी की सप्लाई की दिक्कत का निराकरण करने के लिए एपीसीसी एफ गुप्ता ने सभी कर्मचारियों के लिए सामान स्टोरेज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए, इसके लिए पांच लाख रुपये का विशेष प्रावधान कर दिया गया है। शिमला की वन विभाग कालोनियों में सीसीटीवी स्थापित करने की मांग को भी गुप्ता ने जायज करार देते हुए बताया कि शिमला की वन विभाग कालोनियों में सीसीटीवी कैमरे तुरंत प्रभाव से लगाए जाएंगे। एपीसीसीएफ ने एसोसिएशन की मांग पर वन विभाग कालोनी के किचन में इंस्टैंट गीजर लगाने को भी मंजूरी दी। वन विभाग के आवास आबंटन में एसोसिएशन द्वारा की गई आपत्तियों के उत्तर में एपीसीसीएफ ने बताया कि भविष्य में वन विभाग के आवासों के आबंटन को नियमानुसार आबंटित करने की प्रक्रिया जारी रहेगी और सभी आपत्तियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आवास आबंटन में कोई त्रुटि न रहे। वन विभाग मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश बदल ने एपीसीसीएफ आरके गुप्ता का आभार व्यक्त किया।द्य इस अवसर पर गुप्ता को एसोसिएशन द्वारा एक स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

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