भू-स्खलन से वन विभाग कालोनी के कई मकान खतरे की जद में

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शिमला, 30 अगस्त। हिमाचल प्रदेश वन विभाग कालोनी खालीनी और चक्कर में भू-स्खलन के कारण कई भवन खतरे में आ गए हैं। खालीनी कालोनी में तो एक महीने से अधिक समय हो जाने के बावजूद भी डंगा लगाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है, राहत के तौर पर खालीनी के कर्मचारियों को खालीनी विश्राम गृह में रहने की जगह दी गयी है, परंतु लाखों रुपये का कीमती सामान रखने के लिए उनके पास कोई उचित स्थान नहीं है, ऐसे में यदि खतरे की जद में आए इन मकानों में कोई नुकसान होता है तो इन कर्मचारियों को भारी क्षति उठानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि खालीनी कालोनी में एक निजी व्यक्ति द्वारा कालोनी के साथ लगते अपने प्लाट पर कार्य करने के कारण यह भू-स्खलन हुआ है। इस भू-स्खलन में वन विभाग की लापरवाही इस बात से साबित होती है कि निजी व्यक्ति को खुदाई का कार्य करने से विभाग ने समय रहते नहीं रोका और खुदाई के कारण जमीन में रिसाव होने के चलते बहुत बड़ा भाग भू-स्खलन की चपेट में आ गया और वन विभाग कालोनी के साथ-साथ अनेक निजी भवन भी खतरे की चपेट में है। यदि भू-स्खलन के कारण वन विभाग कालोनी के ये भवन गिरते हैं तो विभागीय कर्मचारियों के साथ साथ मलबा गिरने के कारण दूसरे मकानों को भी भारी क्षति हो सकती है।
उधर दूसरी तरफ चक्कर मुख्य मार्ग से लगते वन विभाग कालोनी के डंगे के खिसक जाने से कालोनी के भवन खतरे में आ गए हैं। यही नहीं जहां से डंगा खिसका है उसके ऊपर वाले भाग में कालोनी का पानी का अंडरग्राऊंग टैंक भी है और टैंक के ठीक नीचे से अभी भी जमीन बैठ रही है।
हिमाचल प्रदेश वन विभाग के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने चक्कर कालोनी का दौरा किया और बताया कि भवनों को सुरक्षित करने के लिए तुरंत डंगे का काम किया जाए, ताकि भवनों को बचाया जा सके और धीरे-धीरे हो रहे भू-स्खलन को रोका जा सके। बादल ने बताया कि हाल ही में ए पी सी सी एफ आर के गुप्ता और हॉफ अजय श्रीवास्तव के ध्यान में भी यह मामला लाया जा चुका है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का राहत कार्य शुरू नहीं हुआ है। बादल ने वन विभाग से यह भी आग्रह किया है कि चक्कर कालोनी के मुख्य मार्ग के साथ लगते डंगों को स्मार्ट सिटी के तहत लगाने के लिए एम सी शिमला से भी आग्रह किया जाए। एसोसिएशन भी इस संबंध में एम सी को पत्र लिख कर आगाह करेगी।
खतरे वाले मकानों को जल्द किया जाए खाली
बादल ने वन विभाग से यह भी आग्रह किया कि भू-स्खलन के कारण खलीनी कालोनी के उन कर्मचारियों को खाली मकान तुरंत आऊट ऑफ टर्म अलॉट किए जाएं, जिनके मकानों को खतरा है, ताकि ये कर्मचारी अपना सामान सुरक्षित जगहों पर रख सकें। एसोसिएशन ने बताया कि प्रकृतिक आपदा के मद्देनजर इन कर्मचारियों को नियमानुसार आऊट ऑफ टर्म मकान दिए जा सकते हैं और विभाग के पास खलीनी में कुछ मकान पहले से खाली हैं।

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