महिला विधिक जागरूकता शिविर आयोजित

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सोलन, 10 नवंबर। राष्ट्रीय विधिक सेवाएं दिवस पर कल राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन द्वारा ग्राम पंचायत नौणी मझगांव में एक दिवसीय महिला जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कपिल शर्मा ने की।
इस अवसर पर कपिल शर्मा ने कहा कि भारत का संविधान समाज के सभी वर्गों को एक समान अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को न्याय प्राप्त करने के बराबर अधिकार प्रदान करने और इस दिशा में जागरूक बनाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियमित रूप से जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं। महिलाओं को विभिन्न अधिनियमों एवं कानून की जानकारी प्रदान करने के लिए अलग से भी शिविर आयोजित किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को पूर्ण रूप से समानता का अधिकार दिलाने के लिए समाज के सभी वर्गों के दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शोषण, घरेलू हिंसा एवं अन्य उत्पीड़न से महिलाओं को बचाने के लिए जहां महिलाओं को कानून की व्यापक जानकारी होनी चाहिए वहीं समाज के सभी वर्गों का इस दिशा में सचेत रहना भी आवश्यक है।
उन्होंने इस अवसर पर घरेलू हिंसा अधिनियम-2005, मौखिक व भावनात्मक उत्पीड़न एवं आर्थिक उत्पीड़न के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामले सुलझाने का आग्रह किया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि 3 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति, महिला, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या बच्चों को निःशुल्क कानूनी प्रदान करने का प्रावधान है ताकि धन के अभाव या अन्य किसी लाचारी के कारण जरूरतमंदों को न्याय से वंचित न होना पड़े।
उन्होंने नालसा ऐप विधिक सेवा डोर टू डोर अभियान, पोस्को अधिनियम तथा आऊटरीच अभियान के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कपिल शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय विधिक जागरूकता एवं आउटरीच अभियान के अंतर्गत् इन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 14 नवंबर तक विधिक जागरूकता एवं अन्य आऊटरीच गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
इससे पूर्व अधिवक्ता दोषी नेगी ने महिलाओं को स्वास्थ्य का अधिकार, भू्रण हत्या, गर्भाधारण के बारे में जानकारी प्रदान की गई। शिविर में महिलाओं को गिरफ्तार करने से पूर्व तथा गिरफ्तारी के पश्चात के अधिकारों के बारे में भी बताया गया। अधिवक्ता श्वेता शर्मा ने दहेज उन्मूलन अधिनियम तथा भरण-पोषण अधिनियम के बारे में महिलाओं में जानकारी प्रदान की। शूलिनी विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. पुष्पांजलि सूद ने भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका तथा इसी विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर स्वाति सोनी ने देश व प्रदेश की उन्नति में हिमाचल की महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत नौणी मझगांव के प्रधान मदन हिमाचली ने सभी का स्वागत करते हुए आग्रह किया इस तरह के शिविर नियमित अन्तराल पर आयोजित किए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सदैव सजग रहना होगा।
शिविर में ग्राम पंचायत नौणी मझगांव के पूर्व प्रधान राम किशन मैहता, बीडीसी सदस्य अनीता, डॉ. शालिनी, डॉ. योगिता, आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक योगिता चौधरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. वंदना तथा बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

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