मानसिक रोगियों के लिए काउंसलिंग जरूरीः राज्यपाल

881

मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल जाकर किया रोगियों से संवाद
शिमला, 10 अक्टूबर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शिमला स्थित हिमाचल मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्कूल स्तर से परामर्शदाता की सेवाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों का इलाज सब के सहयोग और सकारात्मक भाव से संभव है।
आर्लेकर ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आयोजन संबंधी भावना समझने और उसके अनुरूप कार्य करने की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि मानसिक दुर्बलता उस व्यक्ति की नहीं होती है, जो पीडि़त हैं बल्कि उस समाज की होती है, जो ऐसी परिस्थिति पैदा करता है। उन्होंने कहा कि वह गोवा राज्य में मानसिक रोगियों के उपचार के लिए अस्पताल चला रहे हैं, इसलिए वह इस परिस्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
उन्होंने कहा कि समाज में आ रही विकृतियों के कई कारण हो सकते हैं, उन पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस परिवार पर यह मुश्किल आती है, उनके लिए कितना कठिन होता है, इस पर चिंतन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर बच्चों को परामर्श सेवाएं मिलनी चाहिए क्योंकि यदि ठीक समय पर परामर्श सेवाएं नहीं मिली तो बच्चा डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान एक दिन का नहीं है, इसके लिए निरंतर प्रयास करने और एकजुट प्रयास करने की जरूरत है।
हिमाचल रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष डॉ. साधना ठाकुर ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। उन्होंने कहा कि आज के भौतिक युग में हम अपनी खुशियां बाहर ढूंढते है, जो स्थायी नहीं हैं। इसी के कारण हम अपने आप को और रिश्तों को समझ नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि परिवार भी ऐसी स्थिति में सहयोग नहीं करता है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि पारिवारिक व्यवस्था को समझे, जीवन मूल्यों को अपनाएं तथा हम समाज को क्या दे सकते हैं इस पर विचार करें। यह भाव ही हमें हर चुनौती का सामना करने में सहायक होगा।
हिमाचल मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक संजय पाठक ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से पीडि़त व्यक्ति एक शांत व गुणात्मक जिंदगी व्यतीत कर सकता है यदि उसे सही उपचार व अपने सगे संबंधी तथा दोस्तों का प्यार व सहयोग मिले। उसके जीवन में संतुलन बनाने आवश्यक है। इस अवसर पर राज्यपाल ने अस्पताल में उपचाराधीन व्यक्तियों से बातचीत की।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक हेमराज वैरवा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय पाठक, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव, अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

मंडी उप चुनावः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लाहौल-स्पीति में प्रबंधों की समीक्षा की

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here