इस बार रावण के साथ जलाएं पुलकित का पुतला

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  • सरकार ने टैक्सपेयर पैसा अंकिता के परिजनों को दिया, क्या एहसान किया?
  • भाजपा सबसे धनवान पार्टी, दे अंकिता के परिजनों को शेष 75 लाख

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विवेकाधीन कोष से अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख की मदद देने का फैसला किया है। इस पर सोशल मीडिया में सीएम धामी की खूब प्रशंसा हो रही है। मैं भी इसका स्वागत करता हूं। लेकिन मेरा सवाल यह है कि सीएम धामी ने जो पैसा दिया, वह तो मेरे जैसे टैक्स अदा करने वाले आम जन का है। यानी सीएम धामी ने जनता का पैसा अंकिता को दिया, लेकिन सवाल तो यह है कि भाजपा ने क्या दिया?
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा देश की सबसे धनवान पार्टी है। भाजपा की संपत्ति लगभग 48 हजार करोड़ आंकी गयी है और भाजपा को पिछले साल लगभग 477 करोड़ का चंदा मिला है। अंकिता का मर्डर भी भाजपाई नेता पुत्र और भाई ने किया है। क्या भाजपा का कोई नेता दिलदार नहीं है। क्या भाजपा अपने कोष से अंकिता के परिजनों की मदद नहीं कर सकती? विधायक खरीदने और सरकारें गिराने के लिए भाजपा पर तिजोरी खोलने के आरोप लगते हैं, तो क्या मासूम अंकिता के परिजनों की मदद के लिए तिजोरी का लॉक क्यों नहीं खुल रहा?
मैंने पहले भी कहा है कि जो भी नेता अंकिता के परिजनों से मिलने के लिए जा रहा है वह उनकी आर्थिक मदद जरूर करें। भाजपा वाले कांग्रेस के महाकंजूस नेता हरीश रावत की तर्ज पर खाली हाथ न जाएं। वैसे भी जा भी क्यों रहे हो उन्हें परेशान करने? जोर लगाओ कि अंकिता के हत्यारे पुलकित आर्य को फांसी हो। इस बार दशहरे पर रावण के साथ पुलकित आर्य के पुतले जलने चाहिए। पुलकित आधुनिक रावण है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

चलो जोर लगाएं, एक कोशिश करें, रिश्तों पर 22 वर्षों से जमी धूल साफ करने की

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