मिस्टर पुंडीर, इस तरह ग्रामीणों को कब तक ठगोगे? जनता को जवाब दो!

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  • पिछले 20 साल में विकास की तस्वीर बताता सौड़ा गांव
  • न सड़क, न पानी, न स्कूल और न ही आंगनबाड़ी केंद्र

देखिए, नेता किस तरह से जनता को मूर्ख बनाते हैं। सहसपुर के विधायक सहदेव पुंडीर मांडूवाला के सौड़ा गांव के गदेरे पर पुल का उद्घाटन करने पहुंचे। विधायक ने अपने विकास कार्य तो गिनाए नहीं, भाषण में कहा, देखिए पंजाब में मोदी जी के साथ कांग्रेस ने क्या किया? बुरा किया कि नहीं? ग्रामीणों ने सिर हिलाया हां, कांग्रेस ने पीएम की कितनी बेइज्जती की। की न? फिर हां में सिर हिला। फिर ग्रामीणों से पूछा, बताओ, मोदी जी के हाथ मजबूत होने चाहिए कि नहीं? ग्रामीणों ने कहा, होने चाहिए। तो विधायक होंठों पर शैतानी मुस्कान लाकर बोले, तो बताओ, मोदी जी के हाथ कैसे मजबूत होंगे? ग्रामीण चुप। अरे भई, जब आप भाजपा को वोट दोगे तभी तो हाथ मजबूत होंगे। ग्रामीणों ने फिर सिर हिला दिया। विधायक पुंडीर ने गर्म लोहे पर हथौड़ा मार दिया, इसलिए कहता हूं कि केंद्र में मोदी जी के हाथ मजबूत करने के लिए भाजपा को वोट दो। ग्रामीण तालियां बजाते हैं। और विकास के सवाल गौण हो जाते हैं, मोदी जादू चल जाता है। इस तरह से जनता ठगी का शिकार हो जाती है।
दरअसल, दो दिन पहले देहरादून से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित मांडूवाला के सौंडा गांव के नाले पर बने एक पुल के उद्घाटन पर गया था। यह सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। यहां बरसात के दिनों में ग्रामीणों को भारी असुविधा होती थी। पुल वन विभाग और कुछ विधायक निधि से बना। यह पुल गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। विधायक सहदेव पुंडीर को आना था। देरी हो रही थी तो मैं कच्चे-पक्के रास्तों से होता हुआ गांव पहुंच गया।
सौड़ा गांव सही मायने में पिछले 20 साल से हमारे राज्य में हुए विकास की सच्ची तस्वीर दिखता है। गांव की फिरनी कच्ची है। रास्ते ऊबड़-खाबड़। हर घर, नल, हर घर जल यहां एक बड़ा मजाक है। ग्रामीण टैंकर मंगा कर पेयजल की आपूर्ति करते हैं और कपड़े धोने गदेरे में जाते हैं। यहां के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं है। उन्हें तीन किमी पैदल चल कर कोठर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में जाना होता है। प्राइमरी स्कूल दूर की बात है।
खैर, ये पुल भी कैसे बना? इसकी एक अलग कहानी है। बहरहाल, उद्घाटन पर विधायक सहदेव पुंडीर पहुंचे। ग्रामीणों को संबोधित किया। सारा क्रेडिट लिया। जब ग्रामीणों ने पूछा कि पानी कब आएगा। तो विधायक वहीं पर साथ बैठे गांव के प्रधान प्रियंका गुलेरिया के पति से पूछ बैठे कि देरी क्यों हो रही है? यानी ग्राम प्रधान को ही ठेकेदारी दे दी। ठेकेदार भी दगाबाज निकला और अपने ही गांव में समय पर पानी नहीं ला सका। खैर, विधायक जी ने आश्वासन दिया कि जनवरी आखिर तक गांव में पानी आ जाएगा।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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