2014 से लंबित है मामला, पहाड़ के बच्चों की भी सोचे भाजपा सरकार
सीएम धामी की वॉल पर जीआरडी स्कूल के सैनिक स्कूल बनने की बधाई है। मुझे इस पर ऐतराज नहीं है कि जीआरडी को सैनिक स्कूल का दर्जा क्यों दे दिया? व्यथा इस बात की है कि रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल के लिए 2014 से ही प्रस्ताव है। यह स्कूल बना भी नहीं कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
रक्षा मंत्रालय ने इसको पहले ही मंजूरी दे दी थी। लेकिन यह स्कूल आज तक नहीं बना। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के पूर्व प्रधानाचार्य ब्रिगेडियर विनोद पसबोला ने तत्तकालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक प्रस्ताव दिया कि वो महज दो साल में सैनिक स्कूल जखोली को तैयार कर देंगे। लेकिन चचा ने उनकी सुनी ही नहीं। जखोमी में यदि सैनिक स्कूल बन गया होता तो हम सेना में सबसे अधिक सैनिक देने के साथ ही सबसे अधिक सैन्य अधिकारी देने के भी लायक बन गये होते।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]