‘गुनाहों के देवता‘ हाकिम के नाम एक खुला खत

प्यारे-प्यारे और सुंदर हाकिम, उम्मीद है कि इस कड़क सर्दी के दौरान जेल में तुम्हें अच्छे कंबल या रजाई ठीक मिली होगी। साफ सी। तुम्हारे बहाने कुछ और कैदियों का भी भला हो गया होगा। तुम्हारे पास ढेर सारा पैसा है तो खाना बाहर से ही आता होगा। जेल की रोटी नहीं तोड़नी पड़ रही … Continue reading ‘गुनाहों के देवता‘ हाकिम के नाम एक खुला खत