इधर तुम रोना रोते रहो भू-कानून लाने का उधर, कैबिनेट ने गुपचुप बदल दिया!

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देहरादून के मास्टर प्लान 2025 में बदलाव
इन दिनों सोशल मीडिया में उत्तराखंड में मजबूत भू-कानून की वकालत की जा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि इस पर विचार किया जा सकता है। भू-कानून के शोर-शराबे के बीच बुधवार को हुई कैबिनेट में गुपचुप तरीके से विकास प्राधिकरणों में आवासीय उपयोग के लिए भूमि पर राजनीतिक दलों के कार्यालयों के निर्माण को मंजूरी दे दी गयीं। यह सरकार का दोहरा चेहरा है। एक ओर विकास प्राधिकरणों पर रोक है, तो दूसरी ओर भू-कानून बदलने की बात की जा रही है। इस बीच अपनी जरूरत के मुताबिक इस नियम में बदलाव कर दिया गया है। यानी देहरादून के मास्टर प्लान 2025 में बदलाव हो गया है। पहले यहां केवल सरकारी कार्यालयों के लिए ही भूमि में बदलाव यानी लैंड यूज चेंज किया जा सकता था। अब राजनीतिक दलों के लिए भी यह छूट दे दी गयी है।
देहरादून में भाजपा का राज्य मुख्यालय बनने का रास्ता साफ हो गया। कैबिनेट की बैठक में आवासीय भूमि के लैंड यूज चेंज में बदलाव को मंजूरी दे दी गयी। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष ने 22 जनवरी, 2021 को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि भाजपा मुख्यालय के लिए निर्धारित भूमि का एक हिस्सा ‘आवासीय उपयोग’ श्रेणी में आता है और निर्माण की अनुमति देने के लिए नियमों में छूट देने की जरूरत है। यानी मास्टर प्लान में बदलाव करना जरूरी था।
गौरतलब है कि भाजपा देहरादून में रिंग रोड पर लाडपुर क्षेत्र में 12,320 वर्ग मीटर के भूखंड पर नया मुख्यालय बना रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अक्टूबर 2020 में इसकी नींव रखी थी। योजना के अनुसार, इमारत में 55 कमरे और चार हॉल होंगे, साथ ही एक डिजिटल लाइब्रेरी और कम से कम 500 लोगों के बैठने का स्थान बनाया जाएगा।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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