लो, पहले ही दिन दिख गया देशभक्ति का जज्बा

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  • अधिकांश देशभक्त इंतजार में हैं कि कोई मुफ्त का झंडा ले आए तो घर पर तिरंगा लहराएं

देशभक्ति और अंधभक्ति में अंतर होता है। अंधभक्ति के लिए न पैसे खर्च होते हैं और न ही दिमाग। ऐसे में जब भाजपा ने हर घर तिरंगा लहराने की बात कही है तो अंधभक्त इंतजार में हैं कि कोई तिरंगा लाएगा और उन्हें देगा तो वह उसे घर की छत पर लहराएंगे और राष्ट्रभक्त कहलाएंगे। राष्ट्रभक्ति दिखाने के लिए उनकी जेब से 25 रुपये भी नहीं निकल रहे।
उधर, धामी सरकार के मंत्री गंगाजल हाथ में उठाकर संकल्प लें कि उन्होंने कितने झंडे अपने पैसे से खरीदे हैं तो पता चलेगा कि चवन्नी भी खर्च नहीं की। मंत्रियों ने अधिकारियों को कहा विभाग के अफसरों ने अधीनस्थों को कहा, अधीनस्थों ने एक्सईएन, एई, जेई को कहा। इंजीनियरों ने ठेकेदारों को कहा और देशभक्ति दिखाने के लिए राष्ट्रध्वज मंत्रियों और उनके चेलों के पास पहुंच गये। यही है दिखावे के राष्ट्रभक्तों की पहचान।
देश की आजादी के लिए संघर्ष, त्याग और बलिदान करने वाले वीर सपूतों और वीर पुत्रियों को नमन।
जय हिन्द। जय उत्तराखंड।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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