यदि धुंआ उठ रहा है तो आग भी होगी

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  • क्या आरएसएस की प्रदेश इकाई में चल रही अंदरूनी जंग?
  • युद्धवीर के कथित रिश्तेदारों की सोशल मीडिया पर सूची को लेकर हंगामा

आज सुबह से ही सोशल मीडिया पर आरएसएस के उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव के कथित रिश्तेदारों की सूची खूब वायरल हो रही है। इस सूची में उनके सभी निकट और दूर के कथित रिश्तेदारों और बचपन के दोस्तों का जिक्र है। कुल 67 लोगों के नाम और उनके आगे युद्धवीर यादव से रिश्ता दिखाया गया है। सूची को पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी सोशल मीडिया में डाला है लेकिन युद्धवीर का नाम गायब कर दिया है। इस मामले में दोपहर बाद हंगामा होना था सो हुआ। संघ के कुछ लोग सीएम धामी से मिले और कहा कि संघ को बदनाम कर रहे हैं। इस मामले की जांच होनी चाहिए। सवाल यह है कि क्या युद्धवीर के रिश्तेदारों की जानकारी आम लोगों को है? यदि नहीं, फिर ये कथित रिश्तेदारों की सूची किसने जारी की?
साफ है कि अंदर का ही कोई हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के संघ में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। संघ तीन गुटों में बंटा हुआ है। इसमें दो गुट पश्चिमी यूपी के हैं और एक गुट उत्तराखंड का है। इनके बीच वर्चस्व की जंग है। यह भी माना जा रहा है यदि सूची को लेकर धुंआ है तो कहीं न कहीं आग भी होगी।
इस संबंध में मैंने प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव से बात की। जब मैंने उनसे पूछा कि इस सूची की सच्चाई क्या है तो वह उल्टे मुझसे सवाल करने लगे कि क्या आपको लगता है कि मेरे इतने रिश्तेदार होंगे। मैंने कहा कि 67 हैं और आपके सभी चाचा-मामा-ताऊ आदि के नाम हैं। उनका कहना है कि न तो यह सच है और न ही वह इन नौकरियों पर हैं। और न ही मैं इन लोगों को जानता हूं। सूची में जिन लोगों के नाम हैं वह लोग कोई भी नौकरियों पर नहीं है। यह साजिश है और मैंने एफआईआर करा दी है। पुलिस जांच करेगी।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

डीजी मैम, मैं आपके फैसले से सहमत हूं!

 

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