जब विधायक ही हों ठेकेदार तो तुम्हारी आवाज बनेगा कौन?

तुम खुद बनो अपनी आवाज, बुलंद करो और सत्ता के कान फोड़ डालो नई पौध उग रही, खाद डालो, सींचो, फसल लहलहाएगी, तुम देखना धाकड़ पस्त, भ्रष्ट और बेईमान मस्त। विधायकों के मुंह में दही जम गयी है। सब मौसेरे भाई हैं। विधायकों का पता है कि क्यो बोलेंगे? जो पहले ठेकेदार थे, वही विधायक … Continue reading जब विधायक ही हों ठेकेदार तो तुम्हारी आवाज बनेगा कौन?