अजब प्रदेश के गजब कारनामे

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  • निजी सचिव ने मंत्री के साइन चुरा लिए!
  • मंत्री ने सचिव को मनमर्जी से प्रमोशन दे दिया

कभी-कभी दया आती है कि हम पहाड़ी कितने भोले हैं कि कोई भी हमें ठग लेता है। इस बार की ठगी के शिकार बेचारे सतपाल महाराज हो गये। कितने अरमान लेकर भाजपा में आए थे कि सीएम बनेंगे। पीएम बनने के भी सपने देखे होंगे, लेकिन हासिल किया हुआ एक अदने से निजी सचिव ने ठग लिया। न केवल ठगा बल्कि ठेंगा भी दिखा दिया कि तुम साइन नहीं करोगे तो क्या काम नहीं होंगे? महाराज के अनुसार निजी सचिव आईपी सिंह ने उनके क्यूट से डिजिटल साइन चुराए और डिपार्टमेंट के इंजीनियर एजाज अहमद को हेड बना दिया। बेचारे महाराज को अब भी एडिशन चीफ सेकेट्री को कहना पड़ रहा है कि आईपी सिंह को हटा दो। इतना भी अधिकार नहीं कि निजी सचिव को हटा सकें। निजी सचिव के अनुसार मिथ्या आरोप हैं।
उधर, इतना अंतर है पहाड़ी और देसी में। देख लीजिए। पूर्व स्पीकर और मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए न केवल बैकडोर से विधानसभा में भर्ती करवाई और उसमें साझीदार बनाया अपनी ही कौम के मुकेश सिंघल को। एक साल में ही दो प्रमोशन दे दिये। निडरता और अनैतिकता के साथ कैबिनेट में जमे हुए हैं। कर लो जो करना है, यह कहते हुए। वहीं, एक पहाड़ी हमेशा ही दूसरे पहाड़ी को ठगता है। उसे हाशिए पर धकलने के प्रयास करता है। हाथ खींच कर आगे नहीं बढ़ाता और जो पीछे छूट जाता है वह आगे वाले की टांग खींच कर उसे अपने बराबर लाने का प्रयास करता है। जागो पहाड़ियो।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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