हे दोस्तों, खूब पियो छककर पियो और बोलो धाकड़ धामी की जय!

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  • धामी सरकार का कमाल, टैगलाइन ‘सूर्य अस्त, पहाड़ी मस्त‘ से छूटेगा पिंड

आओ, आओ, देश भर के पर्यटको, नये साल पर आपका देवभूमि में स्वागत है। यहां आपको छक कर और बेहिसाब दारू मिलेगा। हर वक्त मिलेगा। पहाड़ में ठंड है ऐसे में चाहो तो दारू से गला तर करो या …….. धोओ, ठंड नहीं लगेगी। खूब पियो। तुम भी छक कर पियो, हम भी पियें। दारू ही दारू। नये साल का जश्न और दारू न हो तो भला कैसा जश्न?
देवभूमि में पहले सूर्य अस्त होता था तो पहाड़ी मस्त होता था। फिर धाकड़ धामी सरकार ने दूर की सोची कि क्यों न ऐसा करें कि पहाड़ी सुबह से लेकर सूर्यास्त और उसके बाद भी मस्त रहेगा। इसका लाभ होगा कि सूर्य अस्त, पहाड़ी मस्त की टैगलाइन से पीछा छूट जाएगा। चार दिन का पायलेट प्रोजेक्ट है। मैं तो कहता हूं पहाड़ियों के लिए 365 दिन शराब के ठेके खुले रहने चाहिए। कम से कम लगेगा तो कि शराबी हैं, कहते हैं शराबी इंसान होता है, वरना आजकल तो नफरत की फसल बोई और काटी जा रही है और उसके इंजेक्शन पहाड़ियों के खून में मिलाए जा रहे है ताकि वह इंसान ही न रहे, धर्म एडिक्ट बन जाएं। धर्म के इस जहर से तो ये कड़वा पानी सही। शाबास धाकड़ धामी की सरकार, शाबास।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

पहाड़ के सामाजिक सरोकारों का रक्षक एक गुमनाम सिपाही

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