क्या उत्तराखंड के बेरोजगार युवा अंग्रेजी हुकूमत के साये में हैं?

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सरकार, एक बॉबी से इतना भय क्यों? क्या वह आतंकी है? क्या पाकिस्तानी है? क्या वह अलगाववाद की बात कर रहा है? फिर सरकार को इस तरह का डर क्यों सता रहा है? यदि ऐसा नहीं है तो बॉबी पंवार को धमकाया क्यों जा रहा है? सरकार को इतनी सी बात समझ में नहीं आ रही है कि ये युवा चाहते हैं कि पेपरलीक कांड के असल हाकिम सलाखों के पीछे जाएं। युवा बेरोजगारों को इंसाफ मिले और भर्ती प्र्रक्रिया पारदर्शी हो।
युवा बेरोजगारों की मांग बिल्कुल सही है क्योंकि पिछले मामलों की जांच में पुलिस पूरी तरह से विफल हो गयी है। नकल माफिया के तार यूपी से भी जुड़े हैं तो इसमें 300 करोड़ से भी अधिक का खेल हुआ है। ऐसे में जब पुलिस फेल हो गयी है तो मामला सीबीआई का बनता है। सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दो। सीबीआई को लगेगा कि यह केस उनके मतलब का है तो ही हां करेगी। आप सीबीआई जांच से कतरा क्यों रहे हो?
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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