कांग्रेस की आंखों से पट्टी हटी, पहाड़पुत्र को अब पहचाना

773
  • राज्य आंदोलन से लेकर अब तक पहाड़ को समर्पित किया जीवन
  • जेएनयू प्रॉडक्ट ने पहाड़ की पीड़ा के कारण की घर वापसी

आज जब कांग्रेस वेंटीलेटर पर है तो उसे अपने गुनाहों का एहसास हो रहा है। उसे उन लोगों की कद्र महसूस हो रही है जो उसकी रीढ़ थे, लेकिन सत्ता की चकाचौंध में उसने कभी उनको महत्व नहीं दिया। खैर देर आयद दुरस्त आयद की तर्ज पर प्रदेश कांग्रेस ने अब एक और हीरे की पहचान की है। यह हीरा है प्रेम बहुखंडी। पहाड़ के लिए समर्पित प्रेम बहुखंडी को कांग्रेस ने रिसर्च ग्रुप का संयोजक बनाया है।
प्रेम बहुखंडी ने कालेज के दिनों मे भी राज्य आंदोलन में भाग लिया। वो जेल भी गये। इसके बाद जेएनयू से उच्च शिक्षा ली। और केंद्र में कांग्रेस के वार रूम जैसा अहम पदभार संभाला। वो सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की स्पीच तैयार करते थे। केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव भी रहे। राज्यसभा टीवी में भी कई साल तक रहे। लेकिन पहाड़ की पीड़ा के कारण वापस देहरादून लौट आए। इस बीच जब केदारनाथ आपदा आई तो प्रेम ने पीपुल्स फार हिमालय के माध्यम से धाद संस्था के साथ मिलकर 175 अनाथ बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली। उनके प्रयासों से ही केदारघाटी के कई गांवों में महिलाओं को गाय पालन से लेकर सिलाई-कढ़ाई, बुनाई और कंप्यूटर एजूकेशन मिली।
प्रेम बहुखंडी ने इसके बाद उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में रहने वाली एकल महिलाओं यानी स्वयंसिद्धा पर भी काम किया। वो विचलित हैं कि राज्य गठन के 20 साल बाद भी राज्य में महिला नीति नहीं है। एकल महिलाओं के आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक जीवन को लेकर कोई सर्वे नहीं हो सका है। महज विधवा या बुजुर्ग पेंशन देकर सरकारें अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती। प्रेम लगातार पहाड़ की लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हैं। पहाड़ में रोजगार के अवसरों को तलाशते हैं। पहाड़ में श्वेत क्रांति के पक्षधर हैं। उम्मीद है कि कांग्रेस इस युवा और दूरदर्शी सोशल एक्टिविस्ट के अनुभव व योग्यता का सही लाभ लेगी।
वनाधिकार और ग्रामीणों के हक-हकूक की लड़ाई लड़ रहे प्रेम बहुखंडी को कांग्रेस के रिसर्च, कार्डिनेशन और प्रोग्राम इम्लीमेंटेशन ग्रुप का कनविनर बनने की शुभकामनाएं।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

कांग्रेस में चौदहवीं के चांद है मनीष खंडूड़ी

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here