पर्यटन मंत्री हो तो महाराज जैसा, वरना हो ही नहीं

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file photo source: social media
  • इतने पर्यटन सर्किट विकसित किये कि नाम गिनने मुश्किल
  • अब लाइट एडं साउंड शो से चमकाएंगे धार्मिक पर्यटन की तकदीर

ये तीर्थपुरोहित खामाखां चारधाम यात्रा के लिए शोर मचा रहे हैं। बेकार में देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं। जब एक धार्मिक नेता उनका पर्यटन मंत्री है तो क्या उन्हें भूखों मरने देगा? कैसी नकारात्मक सोच है? महाराज जी का वजन नाप लो, जब से चारधाम यात्रा टली है सूत्रों का कहना है कि उनका वजन 450 ग्राम से लेकर पौने किलो तक घट गया है। इसकी परवाह है तुम्हें तीर्थपंडितों। नहीं न। जब से उन्होंने तुम्हारी भलाई के लिए देवस्थानम बोर्ड बनाया है तब से शोर मचा रहे हो, बिना यह जाने की तुम्हारे चिल्लाने से उनकी नींद डिस्टर्ब होती है। क्या तुम्हें नहीं पता, महाराज जी, केवल वोट मांगने ही पहाड़ की सीढ़ियां चढ़ते हैं, आखिर राजनीति में ऊंचा कद भी कोई चीज होती है।
भाई तीर्थपुरोहितों, भाजपा सरकार हिन्दुत्व की है। डबल इंजन सरकार के चार साल में चारधाम यात्रा से बहुत कमा लिया। इस साल यात्रा नहीं भी होती तो क्या फर्क पड़ता है। कभी दूसरे धार्मिक स्थलों के बारे में भी सोचा है? नहीं न, लेकिन महाराज जी को तो देवभूमि के हजारों मंदिरों और लाखों पंड़ितों की परवाह है। देखा नहीं, चार साल में कितने सर्किट बन गये, रामायण, महाभारत से लेकर पता नहीं क्या-क्या? यदि सर्किट गिनने लगो तो सुबह से शाम हो जाएगी। उन सर्किट से जुड़े लोगों का भी सोचो। तुम दुखी हो लेकिन वो तो सुखी हैं। क्या उनका सुख नहीं देखा जा रहा? अपने महाराज जी तो इतने संवेदनशील हैं कि विदेशों में जहां भी जाते हैं तो तुरंत वहां की योजना को देवभूमि ले आते हैं। मसलन कि विदेश से अंडर द स्काई पर्यटन योजना लाए। पहाड़ की चोटी पर बेड लगा है, लाइट है और सैलानी वहां प्रकृति की छांव में सो रहा है। अब योजना इसलिए सिरे नहीं चढ़ी कि पहाड़ में गुलदार का भय होता है। कहीं अंडर द स्काई में सोए सैलानी को गुलदार उठा ले जाएं। अब बताओ, इसमें महाराज जी का क्या कसूर?
तीर्थपुरोहित भाइयों, चिन्ता मत करो, अब जागेश्वर और काटरमल समेत अनेक स्थानों पर लाइट एंड साउंड शो होगा। याद है न जैसा केदारनाथ में हुआ था लेजर शो। अरे भई, तुम नहीं कमाओगे तो क्या? गुजरात, दिल्ली और हरियाणा के लोग कमाएंगे। वैसे ही हम पहाड़ी राष्ट्रीय सोच वाले हैं। बड़ा दिल रखो भाई। चुनावी सीजन है, कमाने दो दूसरों को भी। तुम्हारा क्या है दान फिर मिल जाएगा। वैसे भी मोदी जी फ्री राशन तो दे ही रहे हैं। यह सोचो, पर्यटन मंत्री हों तो सतपाल महाराज जी जैसा, वर्ना हो ही नहीं। इसलिए कह रहा हूं कि सब गुस्सा छोड़ो और महाराज जी की करो जय-जयकार।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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