दस वर्षीय लावण्या बोली, मैं भी बनूंगी फौज में डाक्टर

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  • शहीद दीपक नैनवाल और ले. ज्योति नैनवाल की बेटी है लावण्या
  • सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में ले. ज्योति को किया सम्मानित

सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में आज दोपहर गजब नजारा था। सेना की वर्दी में चमकते सितारों और गोल्डन हैट के साथ लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल बगल में खड़े होकर माइक पर मंच से बच्चों को संबोधित कर अपनी 10 वर्षीय बेटी लावण्या को गर्व भरी नजरों से देख रही थी। लावण्या मंच से लगभग एक हजार बच्चों को संबोधित कर रही थी। उसने कहा कि जब मां आर्मी में गयी तो कमी महसूस हुई लेकिन दादा-दादी ने सब संभाल लिया। अब मां को अफसर बना देख खुशी हो रही है। लावण्या बोली मैं भी बड़ी होकर डाक्टर बनूंगी और सेना में जाऊंगी। उसकी मीठी बोली पर करतल ध्वनि से स्कूल परिसर गूंज उठा। लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल का बेटा रेयांश पहली कक्षा में है। वह भी फौज में जाना चाहता है।
ले. ज्योति के पति नायक दीपक नैनवाल 2018 में जब शहीद हुए तो ज्योति एक गृहणी थी। पति की शहादत के चौथे ही दिन वो अपने बच्चों के दाखिले के लिए सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल पहुंच गयी। यह है जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और कुछ कर गुजरने की तमन्ना। ज्योति ने अफसर बनने की ठानी और आज वह सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची। स्कूल के एमडी विपिन बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड की इस बेटी पर पूरे देश को नाज है और उत्तराखंड की लड़कियों के लिए वह एक मिसाल है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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