सीखो, इस पूर्व आईएएस अफसर और उनकी धर्मपत्नी से

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  • सिक्किम के पूर्व प्रमुख सचिव हैं आलोक रावत
  • समाजसेवा में जुटी है उनकी धर्मपत्नी रंजना रावत

देहरादून का वसंत विहार। दोपहर के लगभग तीन बजे। यहां आसपास काम करने वाले मजदूर, माली और धोबी के बच्चों को एक सभ्य महिला रोजाना अपनी आलीशान कोठी के ड्राइंग रूम में पढ़ाती है। उनको अक्सर खाने के लिए कुछ देती है। कपड़े, किताबें, बैग आदि उपलब्ध कराती है। वह अक्सर पुरुकुल के आर्फनेज स्कूल में भी जाती है और वहां के गरीब बच्चों की यथासंभव मदद करती है। यह है रंजना रावत, सिक्किम के पूर्व प्रमुख सचिव आलोक रावत की धर्मपत्नी। पूर्व आईएएस आलोक रावत केंद्रीय परिवहन मंत्रालय में कैबिनेट सचिव समेत कई अहम पदों पर तैनात रहे। आज भी वो यूपीसीएल में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इसके बावजूद इस दंपत्ति में जरा भी दंभ नहीं है।
रंजना रावत तीलू-रौतेली के परिवार से आती हैं। उनके पिता पूर्व ले.जनरल जगमोहन सिंह रावत हैं। जबकि आलोक रावत ने प्रशासनिक सेवा में बुलंदियों को छुआ। इसके बावजूद वह डाउन टु अर्थ हैं। पूर्व आईएएस आलोक रावत और रंजना रावत से हमारे प्रदेश के आईएएस को प्रेरणा लेनी चाहिए। रावत दंपति का आम जनता और अपने मातहतों के प्रति व्यवहार और उनकी समाज के प्रति सोच को सलाम।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

आखिर उस ड्राइंग रूम में हुआ क्या था?

 

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