जीवन का अनुभव

निज (अपने) संस्कारों का मूल्यांकन स्वयं से श्रेष्ठ कोई और नहीं कर सकता। क्योंकि व्यवहार और आचरण दूसरों के दुःख-सुख का कारण बनते हैं, लेकिन संस्कार स्वयं की उन्नति और पतन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रो. (डॉ) सरोज व्यास (लेखिका-शिक्षाविद्) निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान, (गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली जीवन … Continue reading जीवन का अनुभव