जीवन का अनुभव

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धीरे-धीरे पर्व और त्यौहारों का महत्व कम होने लगा है। समय नहीं मनुष्य की प्राथमिकताएं बदल गई है। संस्कृति के संरक्षण के लिए पुनर्विचार करना होगा।
रक्षा बंधन नहीं, रक्षासूत्र पर गरिमामय शुभकामनाएं।

प्रो. (डॉ) सरोज व्यास
(लेखिका-शिक्षाविद्)
निदेशक, फेयरफील्ड प्रबंधन एवं तकनीकी संस्थान,
(गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय), नई दिल्ली

जीवन का अनुभव

 

 

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