भारी बारिश ने मचाई तबाही, बादल फटने से हालत और खराब, ताश के पते की तरह ढही इमारतें, दो की मौत, कई लापता

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धर्मशाला/शिमला/कुल्लू, 12 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में सोमवार का दिन तबाही का मंजर लेकर आया। कांगडा जिले में बादल फटने से ये तबाही और भयावह हो गई। धर्मशाला के ऊपर स्थित तिब्बत धर्मगुरु दलाईलामा के निवास स्थान मैक्लोडगंज में गाडि़यां पानी में बहती दिखी। प्रसिद्ध भागसुनाग जलप्रपात के पास एक नाला उफान लेता नजर आया। जिले में जल त्रासदी जैसी स्थिति बन गई। उत्तर भारत में गर्मी अधिक होने से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक हिमाचल प्रदेश में घूमने आए हुए हैं। मनाली, मैक्लोडगंज, शिमला, केलांग, सिस्सू, रोहतांग में पहुंचे इन पर्यटकों के लिए अचानक बिगड़ा मौसम ने आफत की स्थिति पैदा कर दी है। इस तबाही में दो लोगों की मौत और कई के लापता होने की खबर है।
कांगड़ा जिले में मानसून की पहली भारी बरसात ने खूब तबाही मचाई। खासकर खड्डों के किनारे घर बनाकर रहने वालों ने इसका खामियाजा भुगता। रविवार रात को शुरू हुई बारिश सोमवार सुबह तेज हो गई और फिर धौलाधार की पहाड़ियों से निकलने वाले नदी-नालों ने रौद्र रूप धारण कर लिया। इससे धर्मशाला, शाहपुर और कांगड़ा क्षेत्र की खड्डों में आई बाढ़ से इनके किनारे बने घर बह गए या उन्‍हें नुकसान हुआ है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार शाहपुर उपमंडल के तहत वोह घाटी में आई बाढ़ से करीब आधा दर्जन घर पानी में बह गए और करीब एक दर्जन लोग इसकी चपेट में आकर लापता हो गए हैं। इनमें से एक महिला की लाश बरामद की गई है और बाकी लापता है। इनकी खोज की जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है। महिला की पहचान मस्तो देवी पत्नी भीमो राम के रूप में हुई है। गनीमत रह रही कि काफी संख्‍या में लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया और उन्‍हें खड्ड किनारे बने घरों में ना जाने की हिदायत दी गई है।

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वहीं, धर्मशाला के मशहूर पर्यटक स्‍थल भागसूनाग के मुख्‍य मार्ग पर पानी का तेज बहाव आने से यहां खड़ी कारें तिनके की तरह बह गईं। यहां भारी संख्‍या में पर्यटकों की आमद रहती है, मगर बारिश के चलते पर्यटकों की भीड़ इस सड़क पर कम थी, जिससे जान का नुकसान नहीं हुआ है। दर्जन भर वाहन पानी में बह गए और भागसूनाग स्कूल को भी काफी नुकसान हुआ। कई होटलों में भी पानी घूस गया। धर्मशाला के ही चैतड़ू गांव में दो भवन मांझी खड्ड की चपेट में आकर ताश के पत्‍तों की तरह ध्वस्त हो गए। दोनों ही भवन तीन मंजिला थे। शिला चौक के पास भी एक भवन खड्ड में बह गया है। साथ ही दाड़ी के पास बने शमशानघाट को भी भारी नुकसान हुआ है। जिला कांगड़ा की मांझी, मनूणी और बनेर खड्डों के रौद्र रूप के चलते इसके किनारे बने घरों, खेतों और वन भूमि को भारी नुकसान हुआ है।


इसी तरह नगरोटा बगवां उपमंडल के गांव चाहड़ी में एक 11 साल की बच्ची के उफनते नाले में बहने की ख़बर है। बताया जा रहा है कि बच्ची बाज़ार से आ रही थी औऱ सड़क में गाड़ियों के डर से साइड पर चली थी। अचानक पैर फिसलने से वे नाले में जा गिरी। बच्ची का अभी तक कुछ पता नहीं चला है, तलाश जारी है।

उधर, मंडी-पठानकोट हाईवे पर राजोल में गज खड्ड पर बना पुल क्षतिग्रस्त‍त हो गया। यहां पर पुलिस तैनात कर, वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है। ट्रैफिक जैम से बचने के लिए कुछ वाहन-चालक वैकल्पिक मार्ग तलाशते दिखे। लेकिन संपर्क मार्गों पर ल्‍हासे गिरने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कांगड़ा के मटौर में भी पुल के नीचे मनूणी खड्ड के तेज बहाव से लोग डरे हुए थे। वाहन चालक डरे सहमे इसे पार कर रहे थे।
उधर, कुल्लू जिले में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। जिले में करीब 15 से अधिक सड़कों पर भूस्खलन होने से अवरूद्ध हो गई हैं। पागलनाला में बाढ़ आने से औट-लारजी-सैंज मार्ग बंद हो गया। यहां सब्जी वाले वाहनों के साथ हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें और अन्य वाहन फंसे गए हैं। की चार बसें फंस गई है। ब्यास, पार्वती, सरवरी खड्ड समेत जिले के नदी-नाले उफान पर हैं। तेज बरसात से कुल्लू शहर पानी-पानी हो गया है। सड़क और रास्तों में जगह-जगह पानी के तालाब बन गए, जिससे राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
दूसरी ओर तेज बारिश होने से किसानों-बागवानों ने राहत की सांस ली है। सेब और अन्य फसलों के लिए बारिश संजीवनी का काम करेगी। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि मंगलवार तक जिले में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में लोगों व पर्यटकों से आग्रह किया गया है कि वह नदी नालों के समीप न जाएं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह नौ बजे तक पालमपुर में 160 मिमी और धर्मशाला में 130 मिमी बारिश हुई है।

देखें वीडियो, बादल फटने के बाद तबाही का मंजर, कहीं इमारतें ढही, तो कहीं गाडि़यां बहीं

 

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