सन्नाटों का प्रकाशपर्व

दशहरा बाद के बीस दिन जैसे नीले घोड़े पर सवार होकर उड़े जा रहे थे। बँगलों में हो रही साफ-सफाई और रँगाई-पुताई ने सूचित कर दिया था कि प्रकाशपर्व नजदीक आ गया है। जे.के. व्हाइट सीमेण्टवाली वाल-पुट्टी तथा एशियन पेण्ट से दीवारें बोल उठी थीं मगर सम्भ्रान्त कॉलोनी की इन दीवारों के बीच पाँच आशियाने … Continue reading सन्नाटों का प्रकाशपर्व