राणे को मिली जमानत, ठाकरे सरकार ने कहा- संदेश साफ, कोई भी कानून से ऊपर नहीं

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file photo source: twitter/ani

मुंबई, 24 अगस्त। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को देर रात जमानत मिल गई। पुलिस ने राणे को दोपहर करीब 2.25 बजे गिरफ्तार किया था। राणे को महाड की अदालत में पेश किया गया। राणे के वकील ने स्‍वास्‍थ्‍य स्थितियों का हवाला देते हुए जमानत मांगी। अदालत ने राणे की याचिका को स्‍वीकार करते हुए उन्हें जमानत दे दी। राणे केंद्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्योग मंत्री हैं। राणे जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से जुड़े थे।
राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। इस दौरान राणे ने कहा था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। भाषण के दौरान वह (ठाकरे) पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो कान के नीचे एक…!
इस बीच, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों ने एक न्यूज चैनल को बताया कि यह स्पष्ट संदेश देना था कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। महाराष्‍ट्र सरकार को राणे को जमानत मिलने पर कोई समस्या नहीं है। हमारा उनके खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। सूत्रों के अनुसार संदेश साफ है, अपमानजनक बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पद की गरिमा को बनाए रखा जाना चाहिए।
69 वर्षीय नारायण राणे ने बाल ठाकरे के नेतृत्व में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। राणे 1990 में शिवसेना विधायक के रूप में महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचे। बाल ठाकरे ने 1999 में राणे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया। राणे का यह कार्यकाल बहुत छोटा था। उसी साल के अंत में हुए चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राणे कांग्रेस से होते हुए भाजपा तक पहुंचे।

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