चन्द्र ग्रहण से अद्भुत संयोग लेकर आ रही है ये कार्तिक पूर्णिमा, होगी मनोकामना की पूर्ति

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कार्तिक पूर्णिमा का है विशेष महत्व
पूर्णिमा तो हर माह आती है पर इस वर्ष पड़ने वाली कार्तिक माह की पूर्णिमा चन्द्र ग्रहण के कारण अद्भुत संयोग लेकर आ रही है। ज्योतिषीय दृष्टि से 580 वर्ष बाद ऐसा संयोग पड़ रहा है। एक लंबी अवधि का चन्द्र ग्रहण इससे पूर्व 19 फरवरी 1440 को लगा था और 19 नवंबर 2021 को चन्द्र ग्रहण पूरे 5 घंटे 59 मिनट लंबा होगा।

स्‍नान करने का शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा पर स्‍नान करने का शुभ मुहूर्त 19 नवंबर 2021 शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर 2.30 तक है।

क्या मान्यता है इस पर्व की-
सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव के द्वारा त्रिपुरारी नामक दैत्य का वध करने के कारण त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। इसके करने से शरीर में आध्यात्मिक और शारीरिक उर्जा का संचार होता है। इस दिन देवी-देवताओं की आराधना करने से आराध्य जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन ही सिख धर्म के पहले गुरु यानी गुरु नानकदेव इस धरती पर अवतरित हुए थे। इसलिए गुरु नानक जयंती से की वजह से भी ये दिन विशेष बनता है। खास इस वजह से भी हिंदू और सिख धर्म के अनुयायी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पर्व प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव के रूप मनाते हैं। इस अवसर पर गुरुद्वारों में अरदास की जाती है और बहुत बड़े स्तर पर जगह.जगह पर लंगरों का आयोजन किया जाता है।

क्या करे इस दिन…
आप पूरे वर्ष तो नल के पानी स्नान करते हैं पर इस दिन प्रातः उठकर किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए और दीप दान करना चाहिए। इससे आपके अंदर स्वतः ही एक ऊर्जा का आभास होगा और आप पूरे वर्ष इस ऊर्जा को महसूस करेंगे। यदि संभव न हो तो घर में स्नान वाले जल में गंगा जल डाल कर स्नान कर लेना चाहिए। देव स्थान में दीपदान से घर में धन धान्य व सुख शांति बनी रहती है।

इस दिन दान क्यों करें-
संचय के साथ साथ यदि आप दान देने की प्रवृत्ति आप में हैं तो आपका इस लोक के साथ-साथ आपका परलोक भी पुण्य से भर जाता है, इसी मान्यता को लेकर सनातन धर्म में दान की महत्ता को बताया गया है। अतः इस दिन आप अपने सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य दें ये हमारी संस्कृति का एक हिस्सा भी है। इस दिन चावंल का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है।

विशेष होगा ये चन्द्र ग्रहण…
इस दिन पड़़ने वाले ग्रहण का विशेष महत्व होगा, जो दिन में भारतीय समय अनुसार सुबह 11.33 से लेकर समापन 5.34 मिनट तक रहेगा। ये अवधि 5 घंटे 59 मिनट तक रहेग।

ज्योतिष दृष्टि से कार्तिक पूर्णिमा का महत्व-
धर्म और ज्‍योतिष के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्‍नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देने का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन दान.पुण्‍य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है। ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन दीपदान और तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए।

भूल कर भी न ये काम-
किसी भी प्रकार का व्यवसन न करें। इससे लक्ष्मी क्षीण होती है।
वाद-विवाद से दूरी बनाए, अपशब्द न कहें। किसी का अहित न सोचें।
मांसाहार का सेवन न करेें।
बाल व नाखून न कांटें।
इस दिन किसी असहाय या गरीब व्‍यक्ति अपमान न करें, क्योंकि इस दिन गरीबों और असहायों की मदद करनें और उन्हें दान देने से शुभ फल मिलते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा के मंत्र
ओम सोमाय नमः

और

ओंम विष्णवे नमः

चन्द्र ग्रहण के अद्भुत संयोग से होगी लक्ष्मी की प्राप्ति
ग्रहण काल में यदि आप अपने घर में लक्ष्मी के इस मंत्र की 1100 बार जप कर घी से हवन करते हैं तो
निश्चित ही आपको लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती ही है। मैंने अपने कई गृहस्थ शिष्यों को इस मंत्र का प्रयोग
करवाया है और वे इससे लाभान्वित हुए हैं-
मंत्र-
ओम वर वरद विष्णु प्रिये लक्ष्मी मम गृहे आगच्छ आगच्छ फट

यह एक गोपनीय और तीव्र लक्ष्मी आकर्षक प्रयोग है जिसे कमल गट्टे की माला से ग्रहण काल में करना चाहिए। उसके बाद हवन के पश्चात इस माला को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। कुछ ही दिनों में इसका लाभ आपको देखने को स्वतः ही मिलेगा।
– स्वामी श्रेयानन्द महाराज (सनातन साधक परिवार)

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