नई दिल्ली, 14 मार्च। हिन्दी के पुरोधा और वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का आज निधन हो गया। उन्होंने 78 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि वह स्नानघर में फिसल गए थे। वैदिक हिंदी के प्रसिद्ध पत्रकारों में से एक थे। साथ ही राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार भी रहे और नियमित रूप से देशभर में चल रहे मुद्दों पर अपने विचार लिखते थे।
वेद प्रताप वैदिक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी समाचार एजेंसी ‘भाषा’ के संस्थापक-संपादक के रूप में जुड़े हुए थे। इसके अलावा नवभारत टाइम्स में संपादक (विचार) थे। भारतीय भाषा सम्मेलन के अंतिम अध्यक्ष भी रहे। उनका जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। महज 13 साल की उम्र में वेद प्रताप वैदिक 1957 में हिन्दी के लिए सत्याग्रह किया और पहली बार जेल गए। उन्होंने 1958 से ही पत्रकारिता शुरू कर दी थी। इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में जेएनयू से पीएचडी की। साथ ही दर्शन और राजनीति शास्त्र में गहरी दिलचस्पी थी। इसके अलावा अनेक भारतीय और विदेशी शोध-संस्थानों और विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर रहे।