- सीएम धामी समेत 48 भाजपा नेताओं ने दिल्ली चुनाव में झोंकी थी ताकत
- एमसीडी चुनाव में सात पहाड़ी जीते, 15 साल का भाजपा शासन साफ
दिल्ली नगर निगम पर भाजपा के 15 साल के शासन पर झाडू चल गया है। यानी एमसीडी में भी आम आदमी पार्टी का कब्जा हो गया है। एमसीडी चुनाव में जो जानकारी मुझे मिली है उसके अनुसार सात उत्तराखंडी पार्षद बनने में कामयाब हो गये हैं। विजयी पार्षदों में वीर सिंह पंवार, रवि नेगी, नीमा भगत, नीतू बिष्ट, यशपाल कैंतुरा, रूबी रावत और मोनिका पंत को जीत मिली है। एमसीडी में भाजपा ने दस, आम आदमी पार्टी ने 2 और कांग्रेस ने एक पर्वतीय समाज के उम्मीदवार को टिकट दिया था।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पर्वतीय समाज के लोग कम रहते हैं। दिल्ली के 1 करोड़ 47 लाख मतदाताओं में से लगभग 12 लाख मतदाता उत्तराखंडी मूल के हैं। लेकिन कोई भी दल इन्हें महत्व नहीं देता। 250 सीटों में 15 सीटो पर टिकट नहीं मिलता। इसका कारण यह है कि हम बंटे हुए हैं। पहाड़ी लोग बहुत ही अच्छे फॉलोअर होते हैं। एकदम कट्टर समर्थक। नेतृत्व का गुण कुछ में ही होता है। कांग्रेस, भाजपा और आप तीनों ही इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
भाजपा ने इसीलिए एमसीडी चुनाव में प्रचार के लिए सीएम धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट समेत 48 नेताओं को दिल्ली में झोंक दिया। बिना यह सोचे कि देहरादून में शीतकालीन सत्र चल रहा है। जब लगाम दिल्ली के आकाओं के हाथ में होगी तो ऐसा तो होगा ही।
इस पोस्ट को लिखने का अर्थ यही था कि भाजपा को उत्तराखंड की और उत्तराखंडियों की जरा भी परवाह नहीं है। यदि होती तो शीतकालीन सत्र चलता। 619 सवाल अनुत्तरित रह गये और विकास की बात, राजनीति में अपराधियों के गठजोड़ के सवाल यथावत बने हुए हैं। कांग्रेस अब भाजपामय की बी टीम है तो उसे कुछ कहना बेकार है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]