औद्योगिक व गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरु करने को तमाम पहलुओं पर करेंगे विचार

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देहरादून, 20 मई। हिमाचल प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि औद्योगिक और गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरु करने को लेकर प्रदेश सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। इस संबंध में गठित प्रदेश सरकार की समिति ने आज राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व में देहरादून के शैलाकुई में सगंध पौधा केंद्र का दौरा किया।
इस अवसर पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि सगंध पौधा केंद्र में दौरे के दौरान खेती शुरू करने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर समिति ने विस्तार से जानकारी हासिल की। इस दौरान मामले से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों से तकनीकी जानकारी भी हासिल की है।
उन्होंने कहा कि भांग की खेती न सिर्फ आजीविका को सुनिश्चित करती है बल्कि उद्योग और औषधीय प्रयोग के लिए भी बड़े स्तर पर उपयोग की जा सकती है।
इस दौरान सगंध पौधा केंद्र के निदेशक नृपेंद्र चौहान ने समिति को वर्चुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा वर्ष 2022 में औद्योगिक हैम्प का वैश्विक बाजार लगभग 5600 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2027 तक बढ़कर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
इससे पूर्व समिति ने केंद्र में अत्याधुनिक पौध नर्सरी, औषधीय पौधों, सुगंधित फूलों की खेती के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इसके उत्पादन का भी अवलोकन किया। समिति के सदस्यों ने पौध केंद्र द्वारा भांग की खेती को वैध करने के लिए तैयार किए गए प्रारूप पर भी विचार-विमर्श किया।
समिति इस दौरान भांग की खेती करने वाले उत्तराखंड के किसानों के अनुभवों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेगी।
समिति के सदस्य मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक डॉ. हंसराज, सुरेंद्र शौरी, केवल सिंह पठानिया, डॉ. जनकराज, पूर्ण चंद ठाकुर सहित अधिवक्ता देवन, सहायक आयुक्त आबकारी डॉ. राजीव डोगरा, केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील शाह और डॉ. ललित अग्रवाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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