नेरचौक-कीरतपुर फोरलेन प्रभावितों के पक्ष में क्रमिक अनशन जारी

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बिलासपुर, 12 जुलाई। बिलासपुर के कुड्डी में गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी की अनदेखी के खिलाफ बामटा वार्ड के जिला पार्षद एवं समाज सेवी गौरव शर्मा द्वारा शुरू किया गया क्रमिक अनशन दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। क्रमिक अनशन के दूसरे दिन गौरव शर्मा के साथ मानव अधिकार संरक्षण संस्था बिलासपुर इकाई के अध्‍यक्ष कुलदीप ठाकुर, अशोक, सचिन, अनिल गोलू, सुनील, मनीष, दलजीत, विक्रांत, पंकज, भूरी सिंह, बसंत सिंह, राकेश, ज्ञान चंद, उमेश, संदीप ने मोर्चा संभाला।
गौरव शर्मा ने कहा कि उनका यह संघर्ष आम आदमी के हित में है। इसलिए जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होने आरोप लगाया कि अभी तक इस मुददे पर न तो जिला प्रशासन और न ही प्रदेश सरकार ने कोई प्रभावी कदम उठाया है। इससे लोगों में प्रशासन व सरकार के सुस्त रवैये के प्रति भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि नेरचौक-कीरतपुर फोरलेन के निर्माण कार्य से सबके अधिक प्रभावित व विस्थापित परिवार कई प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं। कहीं पर लोग धूल मिट्टी से परेशान हो रहे है तो कहीं पर भारी बारिश से तबाह होने वाले पैदल रास्तों तथा प्राचीन जल स्त्रोतों के समाप्त होने से दिक्कतें झेल रहे हैं। फिर भी प्रशासन व सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं।
गौरव शर्मा ने कहा कि नेरचौक कीरतपुर फोरलेन के निर्माण कार्य से कई परिवार को उपजाउ जमीन इसमें चली गई। उन परिवारों के पास अब रोजगार का काई साधन नहीं है। इन परिवारों को नेरचौक कीरतपुर फोरलेन के निमार्ण कार्य में प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाए व काम मुहैया करवाया जाए। वहीं प्रदेश सरकार के नियमों के मुताबिक बडे प्रोजेक्टों में 70 फीसदी हिमाचल के लोगों को ही रोजगार मिलना सुनिश्‍चित होना चाहिए। यहां पर इस तरह के नियमों को तोड़ा जा रहा है और बाहरी राज्यों के लोगों को तरजीह दी जा रही है। उन्होंने सरकार से गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से नेरचौक कीरतपुर फोरलेन बिलासपुर के प्रभावित व विस्थापित तथा अन्य लोगों को रोजगार के अवसर व काम दिलाने की मांग की है। अन्यथा यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा।

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