राजस्व एकत्रीकरण में 13 प्रतिशत की वृद्धि

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शिमला, 1 जून। हिमाचल प्रदेश के आयुक्त, राज्य कर एवं आबकारी विभाग युनूस ने आज यहां बताया कि वर्तमान वित्तवर्ष में 31 मई तक विभाग ने 13 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के साथ 1004 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इस अवधि के दौरान 890 करोड़ रुपये एकत्रित किए गए थे।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा रिटर्न की निगरानी, रिटर्न की त्वरित जांच, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करने और जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए कर अधिकारियों की क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। विभाग ने इस वित्तवर्ष के दौरान 13 लाख ई-वे बिलों के सत्यापन का लक्ष्य निर्धारित किया हैै। वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम दो माह में विभागीय अधिकारियों द्वारा 1.85 लाख रुपये ई-वे बिलों का सत्यापन किया गया तथा नियमों का उल्लंघन करने वालों से 92 लाख रुपये जुर्माने के रूप में वसूल किए हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग फर्जी करदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और पिछले कुछ महीनों में कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों का भी पता चला है। 15 मई को फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ दो महीने का पैन इंडिया विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य फर्जी जीएसटी पंजीकरण को उजागर करना और झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावों को फर्जी तरीके से किए जाने पर रोक लगाना है। इससे राज्य में राजस्व हानि को रोकने में भी सहायता मिलेगी। अभियान के पहले चरण में विभाग ने 129 संदिग्ध फर्मों का सत्यापन करते हुए 8 फर्जी फर्मों की पहचान की है और 10.49 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता लगाया गया है।
विभाग ने पहले कुछ फर्मों का निरीक्षण किया था, जिन पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट देने में शामिल होने का संदेह था। फर्जी टैक्स दाताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
विभाग जीएसटी राजस्व और क्षमता वृद्धि परियोजना के कार्यान्वयन के लिए दृढ़ता से प्रयास कर रहा है। इससेे विभाग की डेटा विश्लेषण क्षमताओं में भी महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।

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