हिमाचल में कांग्रेस जीती, क्योंकि गुजरात में चुनाव था!

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  • मोदी मैजिक और गोदी मीडिया गुजरात में व्यस्त थे
  • अनुराग ठाकुर और जेपी नड्डा की गुटबाजी में निर्णायक

पूर्व सीएम हरीश रावत के 10 माह पुराने जख्म से फिर मवाद बहने लगा। हिमाचल में कांग्रेस की जीत की खुशी से अधिक वह अपनी हार से व्यथित नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस इसलिए हार गयी कि भाजपा ने झूठ फैसला कि कांग्रेस सरकार आएगी तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी। उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले बयान छापने या वीडियो की प्रति लाने वाले को ईनाम की राशि पांच लाख रुपये कर दी है। अब मैं तो इस संबंध में इतना ही कहूंगा कि अब पश्चताय क्या होत है, जब चिड़िया चुग गयी खेत।
हरदा को यह मानना होगा कि हिमाचल में कांग्रेस इसलिए जीत गयी कि गुजरात में चुनाव थे और मोदी मैजिक गुजरात में ही रहा। उन्हें हिमाचल के लोगों को भ्रमित करने का अवसर नहीं मिला। गोदी मीडिया भी वहीं व्यस्त रही और आज भी है। गोदी मीडिया यदि हिमाचल पर ध्यान देती तो उसका प्रोपगैंडा कांग्रेस को ले डूबता। गोदी मीडिया कांग्रेसी नेताओं को पाकिस्तानी करार देते या फिर हिन्दू विरोधी। उनका वश चलता तो दिन भर कंगना को बिठा कर कांग्रेसियों को कोसते रहते। हां, कांग्रेस को यह श्रेय जाता है कि उसने यहां सुनियोजित ढंग से चुनाव लड़ा। अग्निवीर और पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे को कैश कराया।
कांग्रेस की जीत का श्रेय अनुराग ठाकुर और जेपी नड्डा को भी देना चाहिए। दोनों आपस में नहीं लड़ते, गुटबाजी नहीं होती तो हिमाचल का चुनाव परिणाम और ही होता। मेरा कांग्रेसियों का सुझाव है काजू कतली मोदी जी को दें और एक-एक डिब्बा मिक्स मिठाई अनुराग ठाकुर और जेपी नड्डा को भी दें। प्रेमकुमार धूमल को लड्डू का डिब्बा बनता है। धूमल की उदासीनता ने भी कांग्रेस को संजीवनी दी।
कोई कांग्रेसी चाहे तो पूर्व सीएम हरीश रावत को भी सिंगोरी या बाल मिठाई का डिब्बा दे सकता है। मर्जी है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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