समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयासरत

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शिमला, 27 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने आज यहां राज्य में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर हितधारकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के प्रदेश सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अनुसार निजी स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर व वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए 25 फीसदी आरक्षित सीटें भरना सुनिश्चित करें और इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाए।
उन्होंने कोविड महामारी के कारण एक या दोनों अभिभावकों खो चुके बच्चों की निजी स्कूलों में शैक्षणिक फीस माफ करने बारे वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली।
उन्होंने विद्यालयों को स्कूल संबंधी विभिन्न समितियों जैसे पीटीए, नशे के विरुद्ध समिति, सड़क सुरक्षा, शिकायत निवारण और आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठों की नियमित अंतराल पर बैठकें आयोजित करने, विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास सुनिश्चित करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर युवा शक्ति को नशे से बचाने के लिए नवीन पहल सुनिश्चित करें। युवाओं और विद्यार्थियों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को कम करने के लिए स्कूल प्रभावशाली नवोन्मेषी रणनीति बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नशे के नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए उन्हें नशे के दुष्प्रभावों से संबंधित वीडियो दिखाए जाएं। उन्होंने बच्चों को नशे से बचने के लिए प्रतिज्ञा करवाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा घनश्याम शर्मा, विभिन्न निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्य और उनके प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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