मुख्यमंत्री सुक्खू ने सदन में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, सुधार के संकेत व प्रति व्यक्ति आय बढ़ी

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सीएम ने सदन में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, सुधार के संकेत व प्रति व्‍यक्‍ति आय बढ़ी

शिमला, 16 मार्च। विधानसभा के बजट सत्र में आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी। इसमें हिमाचल की अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत मिले हैं। पिछले एक साल में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है, तो वही वास्‍तविक जीडीपी पिछली बार की तुलना में कम रहने के संकेत भी मिले हैं। वास्‍तविक जीडीपी पिछले साल की 7.6 फीसदी की तुलना में इस बार 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है।
इकोनॉमिक सर्वे में स्थिर भावों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 8143 करोड़ बढ़कर 1,34,576 करोड़ हो गया है। प्रचलित भागों पर राज्य की जीडीपी 1,95,404 करोड़ रुपये हो गई है। इसके साथ ही राज्य में प्रति व्यक्ति आय 2,01,271 रुपये से बढ़कर 2,22,227 रुपये हो गई है। यह राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51,607 रुपये अधिक है। राज्य की जीडीपी में कृषि और संबंधित क्षेत्रों का योगदान बढ़कर 24,847 करोड हो गया है। यह वृद्धि पिछले साल से 2 फीसदी की है।

औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 79,284 करोड का रहने की उम्मीद है। इसमें खनन क्षेत्र भी शामिल है। उद्योग क्षेत्र का योगदान 7.1 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र भी अब रिकवरी के संकेत दे रहा है। पिछले 2 साल में कोरोना के कारण आई पर्यटकों की कमी के बाद वर्ष 2022 में एक करोड़ 51 लाख पर्यटक हिमाचल आए हैं, जिससे राजस्व बढ़ने की उम्मीद है। जहां तक महंगाई की बात है तो चालू वित्तवर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर के थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 फीसदी से गिरकर 5.0 फीसदी हो गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया है। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है। यानी महंगाई दर को नियंत्रित बताया गया है।

आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि हिमाचल प्रदेश में महिलाएं अखिल भारतीय स्तर पर और पड़ोसी राज्यों की तुलना में आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। यह प्रतिशत 50.5 फीसदी के आसपास है। जहां तक बेरोजगारी की बात है तो सभी पड़ोसी राज्य और अखिल भारतीय स्तर की मुकाबले हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे कम 4 फीसदी दर्ज की गई है। यह दर अखिल भारतीय स्तर पर 4.1 फीसदी, उत्तराखंड 7.8 फीसदी, पंजाब 6.4 फीसदी और हरियाणा में 9.0 फीसदी रही है। अब राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को बजट पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पहला बजट होगा।

इसके अलावा पर्यटकों का आगमन भी प्रदेश में कोरोला काल पूर्व के स्‍तर पर पहुंचने लगा है। रिपोर्ट के अनुसार पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख और 2022 में कुल मिलाकर 150.99 लाख हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन पूर्व-महामारी के स्तर तक पहुंच रहा है।

चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर तक, राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 प्रतिशत से गिरकर 5.0 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपी.आई.) में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) जो दिसंबर-2022 (अस्थिर) में 3.9 प्रतिशत दर्ज की गई।

प्रचलित भावों पर सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी.एस.वी.ए.) में कृषि क्षेत्र का योगदान 2018-19 में ₹17,767 करोड़ से 40 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में (अग्रिम अनुमान) ₹24,847 करोड़ हो गया है। 2018-19 से 2022-23 के बीच (2018-19 में ₹10,286 करोड़ से 2022-23 में ₹15,561 करोड़ तक) प्रचलित कीमतों पर फसलों के जी.एस.वी.ए. में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

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