केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हिप्र की अधिकांश मांगे मानी

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file photo source: social media

शिमला, 28 जनवरी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ गत दिवस नई दिल्ली में आयोजित बैठक के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार की अधिकांश मांगों को स्वीकृति दे दी है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मंत्रालय इस बात पर सहमत हो गया है कि राज्य अब कोरोना महामारी से निपटने के लिए आवश्यक होने पर अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के लिए प्री-फैब्रीकेटिड संरचनाओं के स्थान पर ईंट और मोर्टार से निर्माण कर सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से राज्य में स्थायी स्वास्थ्य ढांचा विकसित करने में मदद मिलेगी।
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को ईसीआरपी-2 के तहत उपलब्ध फंड से अतिरिक्त 50 एंबुलेंस खरीदने की अनुमति भी प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल मरीजों को और बेहतर तथा विश्वसनीय परिवहन सुविधा मिलेगी, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों का त्वरित परिवहन भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रतिक्रिया समय 30 मिनट से भी कम होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर ईसीआरपी-2 के तहत हिमाचल प्रदेश की संसाधन सीमा को 203.86 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 240.56 करोड़ रुपयेे कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनएचएम के तहत कर्मचारियों के वेतन ढांचे को युक्तिसंगत बनाने और पूरक पीआईपी के तहत अतिरिक्त शहरी आशा की नियुक्ति के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और मुख्य सचिव राम सुभग सिंह के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर इन मुद्दों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष प्रभावी ढंग से उठाया था।

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